निम्नलिखित पिठत पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृितयाँ कीिजए :
जीवन नैया
मँझधार में डोले,
सँभाले कौन ?
रंग-बिरंगे
रंग-संग लेकर
आया फागुन।
काँटों के बीच
खिलखिलाता फूल
देता प्रेरणा।
(1)(ii) आकृति पूर्ण कीजिए :

Step 1: Understanding the Concept:
प्रश्न में तीसरे हाइकु में वर्णित फूल की विशेषताओं को लिखने के लिए कहा गया है।
Step 2: Detailed Explanation:
तीसरा हाइकु है:
"काँटों के बीच
खिलखिलाता फूल
देता प्रेरणा।"
इस हाइकु से फूल की दो विशेषताएँ स्पष्ट होती हैं:
Step 3: Final Answer:
फूल की विशेषताएँ हैं: (1) काँटों के बीच खिलखिलाना, और (2) प्रेरणा देना।
निम्नलिखित पिठत पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृितयाँ कीिजए :
जीवन नैया
मँझधार में डोले,
सँभाले कौन ?
रंग-बिरंगे
रंग-संग लेकर
आया फागुन।
काँटों के बीच
खिलखिलाता फूल
देता प्रेरणा।
(1)आकृति पूर्ण कीजिए :
(i)

निम्नलिखित पिठत पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृितयाँ कीिजए : घन घमंड नभ गरजत घोरा। प्रिया हीन डरपत मन मोरा ॥
दामिनि दमक रहहिं घन माहीं। खल कै प्रीति जथा थिर नाहीं ॥
बरषहिं जलद भूमि निअराएँ। जथा नवहिं बुध विद्या पाएँ ॥
बूँद अघात सहहिं गिरि कैसे। खल के बचन संत सह जैसे ॥
छुद्र नदी भरि चली तोराई। जस थोरेहुँ धन खल इतराई ॥
भूमि परत भा ढाबर पानी। जनु जीवहिं माया लपटानी ॥
समिटि-समिटि जल भरहिं तलावा। जिमि सदगुन सज्जन पहिं आवा ॥
सरिता जल जलनिधि महुँ जाई। होई अचल जिमि जिव हरि पाई ॥
(1)उत्तर लिखिए :
\[\begin{array}{|l|l|l|} \hline (i) & गरजने वाले & - \dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots \\ \text{(ii)} & \text{चमकने वाली} & \text{- \dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots} \\ \hline \text{(iii)} & \text{बूँद के आघात सहने वाले} & \text{- \dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots} \\ \hline \text{(iv)} & \text{दुष्ट के वचन सहने वाले} & \text{- \dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots\dots} \\ \hline \end{array}\]
निम्नलिखित पिठत पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृितयाँ कीिजए : विजय केवल लोहे की नहीं, धर्म की रही धरा पर धूम
भिक्षु होकर रहते सम्राट, दया दिखलाते घर-घर घूम।
'यवन' को दिया दया का दान, चीन को मिली धर्म की दृष्टि
मिला था स्वर्ण भूमि को रत्न, शील की सिंहल को भी सृष्टि।
किसी का हमने छीना नहीं, प्रकृति का रहा पालना यहीं
हमारी जन्मभूमि थी यहीं, कहीं से हम आए थे नहीं।......
चरित थे पूत, भुजा में शक्ति, नम्रता रही सदा संपन्न
हृदय के गौरव में था गर्व, किसी को देख न सके विपन्न।
(2)(i) पद्यांश से लय-ताल युक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए :
निम्नलिखित पिठत पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृितयाँ कीिजए : विजय केवल लोहे की नहीं, धर्म की रही धरा पर धूम
भिक्षु होकर रहते सम्राट, दया दिखलाते घर-घर घूम।
'यवन' को दिया दया का दान, चीन को मिली धर्म की दृष्टि
मिला था स्वर्ण भूमि को रत्न, शील की सिंहल को भी सृष्टि।
किसी का हमने छीना नहीं, प्रकृति का रहा पालना यहीं
हमारी जन्मभूमि थी यहीं, कहीं से हम आए थे नहीं।......
चरित थे पूत, भुजा में शक्ति, नम्रता रही सदा संपन्न
हृदय के गौरव में था गर्व, किसी को देख न सके विपन्न।
(1) कृति पूर्ण कीजिए :

मेवाड़-केसरी देखा रहा,
\(\hspace{1cm}\) केवल रण का न तमाशा था।
वह दौड़-दौड़ करता था रण,
\(\hspace{1cm}\) वह मान रक्त का प्यासा था।।
चढ़कर चेतक पर धूम धूम,
\(\hspace{1cm}\) करता सेना रखवाली था।
ले महामृत्यु को साथ-साथ,
\(\hspace{1cm}\) मानो प्रत्यक्ष कपालि था।।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(4) सार्वजनिक रुग्णालयों की स्थिति के बारे में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(3)(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में उल्लेखित समानार्थी शब्द लिखिए :
(1) रुग्णालय
(2) शक्ल
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(3)(i) गद्यांश में उल्लेखित अंग्रेजी शब्द लिखिए।
(1) ...........
(2) ...........
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(2) उत्तर लिखिए :

निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(1)(ii)
