Question:

'श्रवणकुमार' खण्डकाव्य के आधार पर 'श्रवणकुमार' का चरित्र-चित्रण कीजिए। 
 

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श्रवणकुमार का चरित्र हमें निःस्वार्थ सेवा, त्याग और माता-पिता के प्रति आदर का महत्व सिखाता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

'श्रवणकुमार' खण्डकाव्य में श्रवणकुमार का चरित्र आदर्श पुत्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है। वह अपनी निःस्वार्थ भक्ति, सेवा और कर्तव्यपरायणता के लिए प्रसिद्ध है।
श्रवणकुमार की आज्ञाकारिता: श्रवणकुमार अपने माता-पिता की सेवा को ही अपना सबसे बड़ा धर्म मानते थे। उन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह से अपने माता-पिता की देखभाल के लिए समर्पित कर दिया था।
त्याग और निःस्वार्थ प्रेम: श्रवणकुमार ने अपने माता-पिता की हर इच्छा पूरी करने के लिए कठिनाइयों का सामना किया। उनका जीवन निःस्वार्थ प्रेम और सेवा का प्रतीक है।
संघर्ष और बलिदान: जंगल में अपने अंधे माता-पिता के लिए जल लाने के दौरान राजा दशरथ के बाण से घायल होकर उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद उनके माता-पिता ने भी प्राण त्याग दिए, जो उनके प्रति उनकी अटूट भक्ति को दर्शाता है।
श्रवणकुमार की प्रेरणा: उनका चरित्र भारतीय संस्कृति में आदर्श पुत्र के रूप में स्थापित है, जो आज भी माता-पिता की सेवा और कर्तव्यपालन की प्रेरणा देता है।
श्रवणकुमार का जीवन त्याग, सेवा और कर्तव्यनिष्ठा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो हमें अपने माता-पिता के प्रति स्नेह और सम्मान की भावना रखने की सीख देता है।
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