Question:

'श्रवण कुमार' खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाएँ लिखिए।

Show Hint

श्रवण कुमार की कथा त्याग, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है, जो आज भी प्रेरणा देती है।
Updated On: Nov 15, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

'श्रवण कुमार' खण्डकाव्य में श्रवण कुमार की माता-पिता भक्ति, त्याग और करुणा का प्रेरणादायक चित्रण किया गया है। इस खंडकाव्य में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हैं, जो उनके चरित्र और समर्पण को दर्शाती हैं।
माता-पिता की सेवा: श्रवण कुमार अपने नेत्रहीन माता-पिता की सेवा में पूरी निष्ठा से समर्पित रहते हैं। वे कंधों पर कांवड़ उठाकर तीर्थ यात्रा कराते हैं और हर परिस्थिति में उनकी देखभाल करते हैं।
वन यात्रा और कठोर तपस्या: वे कठिन रास्तों से गुजरते हुए जंगल में तीर्थ यात्रा पर जाते हैं। उनकी भक्ति और श्रम कर्तव्यपरायणता और संतोष का आदर्श प्रस्तुत करती है।
राजा दशरथ द्वारा अनजाने में वध: श्रवण कुमार जंगल में जल लेने जाते हैं, तब राजा दशरथ उन्हें हिरण समझकर तीर मार देते हैं। यह घटना करुणा और त्रासदी से भरपूर है।
मृत्यु से पूर्व माता-पिता के प्रति अंतिम समर्पण: श्रवण कुमार अंतिम क्षणों में भी अपने माता-पिता की चिंता करते हैं और राजा दशरथ से उन्हें जल पिलाने की प्रार्थना करते हैं। उनका यह त्याग आदर्श पुत्र धर्म का प्रतीक बन जाता है।
माता-पिता का श्राप और दशरथ का दुखद भविष्य: श्रवण कुमार के माता-पिता पुत्र वियोग से अत्यधिक दुखी होकर राजा दशरथ को पुत्र वियोग का श्राप देते हैं, जो आगे चलकर राम के वनवास में परिणत होता है।
इस खंडकाव्य में श्रवण कुमार की भक्ति, आदर्श पुत्र धर्म, करुणा और त्याग की अभूतपूर्व मिसाल प्रस्तुत की गई है। यह कथा भारतीय संस्कृति में पितृ भक्ति का आदर्श उदाहरण मानी जाती है।
Was this answer helpful?
0
0