‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य में दशरथ का चरित्र-चित्रण कीजिए।
\(\textbf{Step 1: भूमिका.}\)
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य में राम के पिता \(\textbf{दशरथ}\) का चरित्र अत्यंत मार्मिक रूप में प्रस्तुत किया गया है। उनका जीवन करुणा, पश्चाताप और मानवीय संवेदना से भरा हुआ है।
\(\textbf{Step 2: गुण.}\)
\(\textbf{Step 3: दोष.}\)
दशरथ का सबसे बड़ा दोष यह था कि उन्होंने अनजाने में श्रवणकुमार की हत्या कर दी। इस घटना ने उन्हें अपराधबोध और आत्मग्लानि से भर दिया, जो उनके जीवनभर की पीड़ा का कारण बना।
\(\textbf{Step 4: निष्कर्ष.}\)
दशरथ का चरित्र हमें यह सिखाता है कि राजा से हुई छोटी-सी भूल भी जीवनभर के पश्चाताप का कारण बन सकती है। वे करुणा और मानवीय दुर्बलता के प्रतीक बनकर साहित्य में स्मरणीय हैं।
\[ \text{दशरथ} \;\Rightarrow\; \text{धर्मनिष्ठ राजा, परन्तु करुणा और पश्चाताप का प्रतीक} \]
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य की कथावस्तु पर विचार कीजिए।
'तृमूल' खण्डकाव्य के आधार पर
(i) प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए।
(ii) 'तृमूल' खण्डकाव्य का कथानक संक्षेप में लिखिए।
'अमृतपूजा' खण्डकाव्य की
(i) कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
(ii) श्रीकृष्ण का चरित्रांकन कीजिए।
'कर्मवीर भरत' खण्डकाव्य के आधार पर
(i) भरत का चरित्र-चित्रण कीजिए।
(ii) किसी एक सर्ग का कथानक लिखिए।
'कर्ण' खण्डकाव्य के आधार पर
(i) कर्ण का चरित्रांकन कीजिए।
(ii) तृतीय सर्ग की कथा अपने शब्दों में लिखिए।