Question:

श्रवणकुमार खण्डकाव्य की विशेषताएँ लिखिए।

Updated On: Nov 10, 2025
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Solution and Explanation

'श्रवणकुमार' खण्डकाव्य भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें श्रवणकुमार के चरित्र और उनके द्वारा किए गए कर्तव्यों की महिमा का उल्लेख किया गया है। यह खण्डकाव्य न केवल एक पुत्र के कर्तव्यों को दर्शाता है, बल्कि इसमे त्याग, भक्ति और माता-पिता के प्रति श्रद्धा का संदेश भी मिलता है। 'श्रवणकुमार' खण्डकाव्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
पिता के प्रति निष्ठा: श्रवणकुमार का जीवन अपने माता-पिता के प्रति पूर्ण निष्ठा और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने अपने अंधे माता-पिता की सेवा के लिए कठिन यात्रा की, जिससे यह संदेश मिलता है कि सच्ची भक्ति और निष्ठा किसी भी बलिदान से ऊपर होती है।
त्याग और बलिदान: श्रवणकुमार ने अपने व्यक्तिगत सुखों और आरामों को त्यागकर अपने माता-पिता की सेवा को सर्वोपरि रखा। उनका जीवन त्याग और बलिदान का आदर्श प्रस्तुत करता है।
धर्म और कर्तव्य का पालन: श्रवणकुमार ने धर्म और कर्तव्य को सर्वोपरि माना। उनकी यात्रा और कार्यों में धर्म का पालन प्रमुख था, और उन्होंने अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए हर कठिनाई को स्वीकार किया।
माता-पिता के प्रति श्रद्धा: काव्य में माता-पिता के प्रति श्रद्धा का अत्यधिक महत्व है। श्रवणकुमार ने यह सिद्ध कर दिया कि माता-पिता की सेवा से बढ़कर कोई पुण्य कार्य नहीं है।
समानांतर संघर्ष और प्रेरणा: श्रवणकुमार का संघर्ष न केवल शारीरिक था, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक भी था। उनका जीवन यह सिखाता है कि किसी भी महान कार्य को करने के लिए भीतर से प्रेरणा और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, 'श्रवणकुमार' खण्डकाव्य के माध्यम से हमें त्याग, श्रद्धा, और कर्तव्य की सच्ची परिभाषा मिलती है। यह खण्डकाव्य हमें यह सिखाता है कि जीवन में हमें अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा से करना चाहिए।
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