'सत्य की जीत' खण्डकाव्य की प्रमुख घटना भगवान श्रीराम द्वारा रावण पर विजय प्राप्त करना है। इस काव्य में यह दर्शाया गया है कि सत्य, धर्म और कर्तव्य के मार्ग पर चलने से जीवन की सभी कठिनाइयाँ पार की जा सकती हैं। रावण के अत्याचारों से पीड़ित पृथ्वी ने भगवान श्रीराम को राक्षसों से युद्ध करने के लिए प्रेरित किया। श्रीराम ने अपने अनुज लक्ष्मण, अपनी सेना, और मित्रों की सहायता से रावण का वध किया।
इस घटना से सत्य की विजय का संदेश मिलता है, जो यह सिद्ध करता है कि बुराई और अत्याचार का अंत सत्य और धर्म की शक्ति से होता है। श्रीराम का जीवन सत्य के मार्ग पर चलने का आदर्श प्रस्तुत करता है।
श्रीराम का रावण से युद्ध: श्रीराम ने रावण से युद्ध किया, जो कि सत्य और धर्म के मार्ग की विजय का प्रतीक था। इस युद्ध में श्रीराम ने अपने सभी शत्रुओं को पराजित किया और रावण को भी हराया।
सत्य की विजय: इस युद्ध में सत्य और धर्म की जीत हुई। रावण जैसे महान और शक्तिशाली शत्रु को हराकर श्रीराम ने यह साबित किया कि सत्य का मार्ग हमेशा विजयी होता है।
इस प्रकार, 'सत्य की जीत' खण्डकाव्य की प्रमुख घटना श्रीराम की रावण पर विजय और सत्य की सर्वोत्तम शक्ति को दर्शाती है।