'सत्य की जीत' खण्डकाव्य के आधार पर 'दुर्योधन' का चरित्र-चित्रण कीजिए।
'सत्य की जीत' खण्डकाव्य में दुर्योधन का चरित्र एक अत्यंत जिद्दी और अहंकारी नायक के रूप में चित्रित किया गया है। वह सत्य और धर्म से दूर रहता है और केवल अपनी शक्ति और स्वार्थ के लिए संघर्ष करता है। दुर्योधन का चरित्र अधर्म और अहंकार का प्रतीक है। वह पांडवों के खिलाफ साजिशों में उलझा रहता है और युद्ध में सत्य के विपरीत अपने मार्ग पर चलता है, जिससे उसका पराभव होता है।
दुर्योधन का चरित्र 'सत्य की जीत' खण्डकाव्य में अहंकार और अधर्म के विनाश का प्रतीक है।
'परिश्रम' खंडकाव्य के आधार पर 'कर्ण' का चरित्र-चित्रण कीजिए।
'परिश्रम' खंडकाव्य का कथासार अपने शब्दों में लिखिए।
'सत्य की जीत' खंडकाव्य का कथासार लिखिए।
'सत्य की जीत' खंडकाव्य के आधार पर 'दुशासन' का चरित्र-चित्रण कीजिए।
'श्रवणकुमार' खंडकाव्य के 'अयोध्या' सर्ग की कथावस्तु लिखिए।