'सत्य की जीत' खण्डकाव्य का कथानक अपने शब्दों में लिखिए।
'सत्य की जीत' खण्डकाव्य का कथानक सत्य, धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष को प्रदर्शित करता है। इस काव्य में दुर्योधन और पांडवों के बीच महाभारत युद्ध का चित्रण है, जिसमें अंततः सत्य और धर्म की जीत होती है। काव्य के अनुसार, सत्य हमेशा अधर्म के खिलाफ विजय प्राप्त करता है, चाहे युद्ध के दौरान कितनी भी कठिनाइयाँ आएं। इस कथानक में अच्छाई की ताकत और ईश्वर का समर्थन दिखाया गया है, जो अंततः दुर्योधन और अधर्म का पराभव करते हैं।
धर्म और अधर्म का संघर्ष:
\(\hspace{1cm}\) काव्य में धर्म की रक्षा के लिए पांडवों के संघर्ष को प्रस्तुत किया गया है।
सत्य की विजय:
\(\hspace{1cm}\) सत्य के पक्ष में युद्ध के दौरान पांडवों को विजय प्राप्त होती है, जो अंततः अधर्म को हराता है।
ईश्वर का मार्गदर्शन:
\(\hspace{1cm}\) श्रीकृष्ण के मार्गदर्शन में पांडवों को सत्य की विजय मिलती है।
'सत्य की जीत' खण्डकाव्य में यह संदेश दिया गया है कि सत्य की हमेशा विजय होती है।
'परिश्रम' खंडकाव्य के आधार पर 'कर्ण' का चरित्र-चित्रण कीजिए।
'परिश्रम' खंडकाव्य का कथासार अपने शब्दों में लिखिए।
'सत्य की जीत' खंडकाव्य का कथासार लिखिए।
'सत्य की जीत' खंडकाव्य के आधार पर 'दुशासन' का चरित्र-चित्रण कीजिए।
'श्रवणकुमार' खंडकाव्य के 'अयोध्या' सर्ग की कथावस्तु लिखिए।