Question:

सरकारी अस्पतालों में बढ़ती सुविधाएँ — 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए :

Show Hint

ऐसे लेख में समस्या से समाधान तक की यात्रा, योजना और समाज का संदर्भ जोड़ना जरूरी है।
Updated On: Jul 31, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

कभी सरकारी अस्पतालों का नाम सुनते ही लोगों के मन में लम्बी कतारें, अव्यवस्था और लाचारी का चित्र उभर आता था। लेकिन समय ने करवट ली है। अब वही सरकारी अस्पताल नई तस्वीर और नई उम्मीद लेकर उभर रहे हैं।
आज सरकारी अस्पतालों में न सिर्फ़ इमारतें सुंदर हो रही हैं, बल्कि उनमें आधुनिक तकनीक भी पहुँच रही है। गाँव-कस्बों के छोटे स्वास्थ्य केंद्रों में अब सोनोग्राफी, एक्स-रे, डिजिटल जाँच और आपातकालीन सेवाएँ उपलब्ध हैं।
सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवाइयाँ और जाँच सुविधाएँ गरीब और मध्यम वर्ग के लिए वरदान बन गई हैं। पहले जहाँ इलाज का ख़र्च निजी अस्पतालों में सुनकर ही लोग घबरा जाते थे, वहीं सरकारी अस्पतालों में अब गंभीर बीमारियों के इलाज भी संभव हो रहे हैं।
नए-नए सरकारी योजनाओं ने इस बदलाव को गति दी है — आयुष्मान भारत योजना से लाखों लोगों को मुफ़्त इलाज मिला है। अस्पतालों में विशेष वार्ड, प्रसूति केंद्र, नवजात शिशु देखभाल यूनिट और टीकाकरण केंद्र अब सुलभ हैं।
डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ी है, नर्सिंग स्टाफ़ प्रशिक्षित हो रहा है और मरीजों के लिए 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएँ चालू हैं। दवाइयों की दुकानें, एंबुलेंस सेवा और हेल्पलाइन ने सरकारी अस्पतालों की छवि बदल दी है।
यह बदलाव ग्रामीण भारत के लिए खास है — जहाँ पहले छोटी बीमारियों के लिए भी शहर भागना पड़ता था, अब वहीं इलाज संभव है।
जरूरत है कि इन सुविधाओं को सही ढंग से बनाए रखा जाए, डॉक्टरों और कर्मचारियों में सेवाभाव बना रहे और तकनीक का सदुपयोग हो।
सरकारी अस्पतालों में बढ़ती सुविधाएँ भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की नई कहानी हैं — जहाँ उम्मीद, सुलभता और स्वास्थ्य का उजाला साथ चल रहा है।
Was this answer helpful?
0
0

Questions Asked in CBSE CLASS XII exam

View More Questions