Question:

'रश्मिरथी' खण्डकाव्य के आधार पर प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए।

Show Hint

कर्ण का चरित्र संघर्ष, त्याग और अद्वितीय निष्ठा का प्रतीक है। 'रश्मिरथी' में उसका चित्रण वीरता और करूणा का संगम है।
Updated On: Nov 14, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

'रश्मिरथी' खण्डकाव्य में कर्ण का चरित्र एक आदर्श वीर योद्धा के रूप में उभरता है, जो जन्म से ही सामाजिक तिरस्कार और संघर्षों का सामना करता है, लेकिन अपने साहस और निष्ठा से इतिहास में अमर हो जाता है।
कर्ण का जन्म और संघर्ष: कर्ण सूर्यपुत्र और कुंती का पुत्र था, लेकिन समाज में उसे सूतपुत्र कहकर अपमानित किया गया। जन्म से ही उसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, फिर भी उसने कभी हार नहीं मानी।
शिक्षा और पराक्रम: गुरु परशुराम से धनुर्विद्या प्राप्त करने के बावजूद, उसे क्षत्रिय न होने के कारण श्राप मिला। फिर भी, उसने अपने पराक्रम और युद्धकौशल से सभी को प्रभावित किया।
दुर्योधन की मित्रता और निष्ठा: दुर्योधन ने कर्ण को अंगदेश का राजा बनाया, जिसके बाद वह सदैव उसके प्रति निष्ठावान रहा। उसने मित्रता को सबसे ऊपर रखा, यहाँ तक कि अपने वास्तविक कुल और परिवार को भी छोड़ दिया।
कर्ण की दानवीरता: कर्ण अपने संकल्पों का दृढ़ता से पालन करता था। वह इतना दानशील था कि युद्ध से पहले भी इंद्र को अपनी दिव्य कवच-कुंडल भेंट कर दिए।
युद्ध और बलिदान: महाभारत युद्ध में कर्ण ने अर्जुन का सामना किया। अनेक शापों और दुर्भाग्य के कारण अंततः वह अर्जुन के बाण से वीरगति को प्राप्त हुआ।
कर्ण का चरित्र त्याग, निष्ठा और पराक्रम की मिसाल है। वह सामाजिक असमानता और अन्याय के विरुद्ध खड़ा रहने वाला योद्धा था, जो अंतिम क्षण तक अपने धर्म और कर्तव्य का पालन करता रहा।
Was this answer helpful?
0
0