Comprehension

रोहतास-दुर्ग के प्रकोष्ठ में बैठी हुई युवती ममता, शोण के तीक्ष्ण गंभीर प्रवाह को देख रही है । ममता विधवा थी । उसका यौवन शोण के समान ही उभड़ रहा था । मन में वेदना, मस्तक में आँधी, आँखों में पानी का बरसात लिए, वह सुख के कंटक-शयन में विकल थी । वह रोहतास दुर्गपति के मंत्री चूड़ामणि की अकेली दुहिता थी, फिर उसके लिए कुछ अभाव होना असंभव था, परंतु, वह विधवा थी । हिन्दू-विधवा संसार में सबसे तुच्छ निराश्रय प्राणी है - तब उसकी विडंबना का अन्त कहाँ था ? 
 

Question: 1

उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।

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कहानी या निबंध का संदर्भ लिखते समय लेखक की किसी प्रसिद्ध उपाधि (जैसे - छायावाद के प्रवर्तक) का उल्लेख करने से उत्तर अधिक प्रभावशाली बनता है।
Updated On: Nov 11, 2025
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सन्दर्भ:
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक 'हिन्दी' के गद्य-खण्ड में संकलित, छायावाद के प्रवर्तक श्री जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित 'ममता' नामक कहानी से अवतरित है।
इस अंश में लेखक ने कहानी की मुख्य पात्र ममता की युवावस्था, उसके वैधव्य और उसकी दयनीय मानसिक स्थिति का चित्रण किया है।
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Question: 2

रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(नोट: चूँकि कोई अंश रेखांकित नहीं है, हम इस महत्वपूर्ण वाक्य की व्याख्या करेंगे: "हिन्दू-विधवा संसार में सबसे तुच्छ निराश्रय प्राणी है - तब उसकी विडंबना का अन्त कहाँ था ?")

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व्याख्या करते समय तत्कालीन सामाजिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर लिखने से उत्तर अधिक गहरा और सटीक होता है। यहाँ 'हिन्दू-विधवा' की स्थिति पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
Updated On: Nov 11, 2025
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रेखांकित अंश की व्याख्या:
लेखक जयशंकर प्रसाद जी ममता की दयनीय स्थिति का वर्णन करते हुए कहते हैं कि तत्कालीन समाज में एक हिन्दू विधवा की स्थिति अत्यंत शोचनीय थी।
उसे समाज में सबसे छोटा (तुच्छ) और बेसहारा (निराश्रय) प्राणी समझा जाता था। उसके सभी अधिकार छीन लिए जाते थे और उसका जीवन नीरस हो जाता था।
लेखक कहते हैं कि ममता, जो एक मंत्री की बेटी थी और जिसके पास सभी भौतिक सुख-सुविधाएँ थीं, उसे भी केवल विधवा होने के कारण इस सामाजिक तिरस्कार को झेलना पड़ रहा था।
यह उसके जीवन की सबसे बड़ी विडंबना या दुर्भाग्य था, जिसका कोई अंत नहीं दिखाई दे रहा था। समाज की यह कठोर रीति उसके सभी सुखों पर भारी पड़ रही थी।
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Question: 3

गद्यांश के आधार पर संसार में सबसे तुच्छ निराश्रय प्राणी कौन है ?

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प्रश्न का उत्तर हमेशा गद्यांश में दिए गए तथ्यों के आधार पर ही दें। यहाँ स्पष्ट रूप से लिखा है "हिन्दू-विधवा संसार में सबसे तुच्छ निराश्रय प्राणी है"।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

गद्यांश के आधार पर, संसार में सबसे तुच्छ और निराश्रय (बेसहारा) प्राणी 'हिन्दू-विधवा' को बताया गया है।
उस समय के समाज में विधवा स्त्री को सम्मान और आश्रय से वंचित कर दिया जाता था, जिससे उसका जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता था।
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