Question:

रीतिमुक्त काव्यधारा की रचना है : 
 

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रीतिकाल की तीनों धाराओं (रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध, रीतिमुक्त) के कम से कम दो-दो प्रमुख कवियों और उनकी एक-एक रचना का नाम याद रखें। यह वर्गीकरण बहुत महत्वपूर्ण है।
Updated On: Nov 10, 2025
  • सुजानसागर
  • बिहारी सतसई
  • ललित ललाम
  • काव्य निर्णय
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Question:
प्रश्न में रीतिकाल की 'रीतिमुक्त' काव्यधारा की रचना की पहचान करने के लिए कहा गया है।
Step 2: Key Concept:
रीतिकाल को तीन प्रमुख धाराओं में बांटा गया है: रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध, और रीतिमुक्त।
रीतिबद्ध: वे कवि जिन्होंने लक्षण ग्रंथों (काव्य के नियमों) की रचना की, जैसे केशव, मतिराम।
रीतिसिद्ध: वे कवि जिन्होंने लक्षण ग्रंथ नहीं लिखे, पर काव्य रचना में उनका पालन किया, जैसे बिहारी।
रीतिमुक्त: वे कवि जिन्होंने काव्य-परंपराओं से हटकर स्वतंत्र रूप से प्रेम की पीर का वर्णन किया, जैसे घनानंद, आलम, बोधा।
Step 3: Detailed Explanation:
(A) सुजानसागर - यह रीतिमुक्त धारा के सर्वप्रमुख कवि घनानंद की रचना है। उन्होंने अपनी प्रेमिका सुजान के लिए इस काव्य की रचना की।
(B) बिहारी सतसई - यह रीतिसिद्ध कवि बिहारी की एकमात्र रचना है।
(C) ललित ललाम - यह रीतिबद्ध कवि मतिराम की रचना है।
(D) काव्य निर्णय - यह रीतिबद्ध कवि भिखारीदास की रचना है।
Step 4: Final Answer:
अतः, 'सुजानसागर' रीतिमुक्त काव्यधारा की रचना है।
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