'रश्मिरथी' खण्डकाव्य की प्रमुख घटना कर्ण और अर्जुन के बीच महाभारत के युद्ध के दौरान हुआ उनका प्रसिद्ध मुकाबला है। इस घटना में कर्ण ने अपनी पूरी शक्ति और कौशल का परिचय दिया, लेकिन अंततः वह अर्जुन से हार गया।
कर्ण की प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं:
कर्ण का युद्ध में प्रवेश: कर्ण ने अपने जीवन के सबसे कठिन युद्ध का सामना किया। युद्धभूमि में उसे अपनी वीरता का प्रदर्शन करने का अवसर मिला, लेकिन यह उसकी नियति थी कि वह अर्जुन के हाथों पराजित होगा।
कर्ण का शाप: कर्ण के साथ एक और महत्वपूर्ण घटना जुड़ी हुई है, वह है उसका शाप। कर्ण को उसके गुरु परशुराम ने शाप दिया था कि वह युद्ध के दौरान अपनी शक्तियों का सही उपयोग नहीं कर पाएगा। यह शाप उसकी हार का कारण बना।
अर्जुन और कर्ण का अंतिम मुकाबला: कर्ण और अर्जुन के बीच युद्ध का यह क्षण महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ों में से एक था। दोनों ने अपनी पूरी शक्ति का उपयोग किया, लेकिन कर्ण का रथ सच्चे क्षण में टूट गया और वह अर्जुन से हार गया। यह घटना कर्ण की महानता और दुर्भाग्य दोनों को दर्शाती है।
कर्ण का उद्धारण: कर्ण के जीवन की इस प्रमुख घटना ने उसे एक नायक के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने अपने जीवन में अनेक संघर्षों और बलिदानों का सामना किया।
यह घटना कर्ण के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहाँ उसकी वीरता, साहस, और भाग्य के बीच संघर्ष उजागर होता है। इस घटना ने कर्ण को एक आदर्श योद्धा और बलिदानी के रूप में प्रतिष्ठित किया।