Question:

रश्मिरथी खण्डकाव्य के कथानक की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।

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'रश्मिरथी' में कर्ण के जीवन के उत्थान और पतन को समझने के लिए उसकी मित्रता, संघर्ष और नैतिक बलिदान पर ध्यान केंद्रित करें।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

'रश्मिरथी' खण्डकाव्य में कर्ण की जीवन यात्रा और उसके संघर्षों का विस्तार से चित्रण किया गया है। इसके कथानक की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

कर्ण का जन्म और संघर्ष: कर्ण का जन्म अधर्म और अपमान में हुआ था, फिर भी उसने अपने कर्तव्यों और वचन के प्रति निष्ठा बनाए रखी। उसकी जीवन यात्रा समाज की जटिलताओं से भरी थी, लेकिन उसने अपनी सिद्धांतों को कभी नहीं छोड़ा।
कर्ण और दुर्योधन की मित्रता: कर्ण की दुर्योधन से गहरी मित्रता और वचनबद्धता उसकी पूरी जीवन यात्रा में प्रमुख थी। वह दुर्योधन के प्रति अपनी निष्ठा के कारण कई संघर्षों का सामना करता है
कर्ण का आत्मसंघर्ष: कर्ण को अपने अस्तित्व, जन्म और शत्रुता के बारे में गहरे आत्मसंघर्षों का सामना करना पड़ता है। इसके माध्यम से काव्य में धर्म, न्याय और कर्तव्य की महत्वपूर्ण चर्चा होती है।
कर्ण की वीरता और बलिदान: कर्ण को युद्धभूमि में अपनी वीरता का परिचय देने के साथ-साथ कई बलिदानों का सामना करना पड़ता है। उसकी वीरता और बलिदान उसे एक महान नायक के रूप में स्थापित करती है।
कर्ण का शाप: कर्ण के जीवन में शापों और कर्तव्यों की भूमिका अहम थी, जो उसे अंत तक प्रभावित करते हैं। यह शाप उसके जीवन के अंतिम फैसलों और युद्ध में उसकी हार की दिशा तय करता है।

काव्य का मुख्य संदेश यह है कि जीवन में हर व्यक्ति अपने भाग्य से जूझता है, लेकिन अपने कर्मों से ही महानता प्राप्त करता है।

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