'रश्मिरथी' के नायक 'कर्ण' का चरित्र चित्रण कीजिए।
'रश्मिरथी' के नायक कर्ण का चरित्र महानता, त्याग और संघर्ष से भरपूर है। वह न केवल एक अद्वितीय योद्धा था, बल्कि उसकी निष्ठा और कर्तव्य के प्रति समर्पण भी उसे विशेष बनाते हैं। कर्ण ने कभी अपनी पहचान नहीं छिपाई, और अपने जीवन में कई दुखों और विरोधाभासों का सामना किया। वह पांडवों के प्रति अपनी प्रतिद्वंद्विता के बावजूद उनका सम्मान करता था। कर्ण का चरित्र धर्म, वीरता और पराक्रम का प्रतीक है।
'रश्मिरथी' में कर्ण का चरित्र दुखों, साहस और कर्तव्य के प्रति अडिग निष्ठा का आदर्श प्रस्तुत करता है।
'परिश्रम' खंडकाव्य के आधार पर 'कर्ण' का चरित्र-चित्रण कीजिए।
'परिश्रम' खंडकाव्य का कथासार अपने शब्दों में लिखिए।
'सत्य की जीत' खंडकाव्य का कथासार लिखिए।
'सत्य की जीत' खंडकाव्य के आधार पर 'दुशासन' का चरित्र-चित्रण कीजिए।
'श्रवणकुमार' खंडकाव्य के 'अयोध्या' सर्ग की कथावस्तु लिखिए।