Question:

राजमार्ग (हाइवे) पर पिताजी की गाड़ी का अचानक बंद हो जाना — लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए : 
 

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रचनात्मक लेख में कल्पना, भावनाएँ और एक घटना के माध्यम से पाठक को अंत तक बाँधे रखना आवश्यक होता है। अंत में कोई नैतिक या भावनात्मक निष्कर्ष ज़रूर जोड़ें।
Updated On: Jul 25, 2025
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Solution and Explanation

सर्दी की एक खुशनुमा सुबह थी। हम सब परिवार के साथ जयपुर से दिल्ली लौट रहे थे। पिताजी हाइवे पर गाड़ी चला रहे थे — चारों ओर खेतों की हरियाली, पक्षियों की चहचहाहट और तेज़ गति से दौड़ती हमारी कार। सबकुछ एकदम सामान्य था कि अचानक...
गाड़ी “खर्र...खर्र...” की आवाज़ के साथ बंद हो गई।
हाइवे पर ऐसी स्थिति बहुत विचित्र और असहज होती है। चारों ओर तेज़ रफ्तार गाड़ियाँ और हमारी गाड़ी बगल में एक ओर रुकी हुई — मानो किसी युद्ध के बीच ठहरा हुआ सिपाही।
पिताजी उतरकर बोनट खोलते हैं। मम्मी चिंतित चेहरा लिए बैठी हैं, और मैं मोबाइल से सिग्नल खोजने की कोशिश कर रहा हूँ। हाइवे के उस एकांत मोड़ पर ना कोई मिस्त्री, ना पेट्रोल पंप और न ही कोई दुकान। गाड़ी की चुप्पी ने वातावरण को और रहस्यमय बना दिया।
तभी दूर से एक ट्रक आकर रुकता है। उसमें से एक बुज़ुर्ग ड्राइवर नीचे उतरते हैं और बिना कहे पिताजी की मदद करने लगते हैं। उनके पास एक साधारण टूलबॉक्स होता है, और कुछ ही मिनटों में गाड़ी फिर से स्टार्ट हो जाती है।
हम सबने मिलकर उन्हें धन्यवाद दिया, और पिताजी की आँखों में वह नम चमक थी — "अजनबी भी कभी-कभी सबसे अपने हो जाते हैं।"
उस दिन समझ में आया कि हाइवे केवल मंज़िल तक नहीं ले जाता — वह इंसानियत, धैर्य और भरोसे की राह भी बनाता है।
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