रमानाथ का चरित्र-चित्रण:
'यौतुकं पापसञ्चयः' (दहेज पाप का संचय है) नामक पाठ के आधार पर रमानाथ के चरित्र की विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
दहेज-लोभी एवं लालची: रमानाथ का चरित्र एक लालची और दहेज-लोभी व्यक्ति का है। वह अपने पुत्र के विवाह में दहेज के रूप में बहुत अधिक धन और वस्तुओं की माँग करता है। उसका लालच इतना बढ़ जाता है कि वह अपनी बहू को दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगता है।
अमानवीय एवं संवेदनहीन: रमानाथ एक संवेदनहीन व्यक्ति है। वह अपनी पुत्रवधू सुमेधा की पीड़ा और उसके पिता की विवशता को नहीं समझता। उसका व्यवहार क्रूर और अमानवीय है। वह धन को मानवीय संबंधों से अधिक महत्व देता है।
सामाजिक कुरीति का पोषक: रमानाथ दहेज जैसी सामाजिक कुरीति का प्रबल पोषक है। वह इसे अपना अधिकार समझता है और समाज में अपनी झूठी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए इसका उपयोग करता है। उसका चरित्र समाज में व्याप्त इस बुराई का प्रतिनिधित्व करता है।
अदूरदर्शी: वह अपने लालच के दुष्परिणामों को नहीं देख पाता। उसकी प्रताड़ना के कारण अंततः उसकी पुत्रवधू आत्महत्या कर लेती है, जिससे उसके परिवार की प्रतिष्ठा धूमिल होती है और उसे कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ता है।
संक्षेप में, रमानाथ एक नकारात्मक पात्र है, जो दहेज-लोभ, लालच, क्रूरता और सामाजिक बुराई का प्रतीक है। उसका चरित्र यह संदेश देता है कि लालच का अंत दुःखद होता है।