दिए गए संस्कृत श्लोकों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए:किंसिद्ध प्रवसतो मित्रं, किंसिद्ध गृहमेव सतः। आतुरस्य च किं मित्रं, किंसिद्ध मित्रं मरणेः॥ मङ्गलं मरणं यत्र विभूतिर्वर्ण भूषणम्। कौशेयं यत्र कौशेयं काशि के नोपरायणम्॥
'हास्य' अथवा 'करुण' रस की परिभाषा लिखते हुए उसका एक उदाहरण दीजिए।
'रूपक' अथवा 'उत्प्रेक्षा' अलंकार की परिभाषा लिखकर उसका एक उदाहरण लिखिए।
'दोहा' अथवा 'चौपाई' छन्द के लक्षण लिखकर उसका एक उदाहरण दीजिए।