Question:

निम्नलिखित संस्कृत पद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए :न चौरहार्यं न च राजहार्यं न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि । व्यये कृते वर्द्धत एव नित्यं विद्याधनं सर्वधनं प्रधानम् । 
 

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यह श्लोक शिक्षा के महत्व को उजागर करता है, जो एक स्थायी संपत्ति है, जो न केवल मानसिक विकास में मदद करती है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी भी है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

यह श्लोक शिक्षा के महत्व और उसके अमूल्य होने पर आधारित है। श्लोक का अर्थ है:
"जो धन चोरों से नहीं लिया जा सकता, जो राजा से नहीं छीना जा सकता, जो भाई के हिस्से में नहीं आता, और जो बोझ की तरह नहीं लगता, वही धन 'विद्याधन' है। यह धन खर्च करने पर बढ़ता रहता है और यह सर्वश्रेष्ठ धन है।"
यह श्लोक हमें यह सिखाता है कि ज्ञान और शिक्षा वह सबसे बड़ा संपत्ति है, जो न तो कोई चुराने सकता है, न कोई छीन सकता है, और यह हमेशा बढ़ती रहती है। शिक्षा का लाभ हमेशा जारी रहता है और व्यक्ति को जीवन में वास्तविक समृद्धि और संतोष प्रदान करता है।
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