Question:

निम्नलिखित संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए। संस्कृतसाहित्यस्य आदिकविः वाल्मिकीः; महर्षिव्यासः, कविकुलगुरुः कालिदासः अन्ये च भास - भारवि भवभूत्यादयो महाकवयः स्वकीयैः ग्रन्थरत्नैः अद्यापि पाठकानां हृदि विराजन्ते । इयं भाषा अस्माभिः मातृसमं सम्माननीया, वन्दनीया च यतो भारतमातुः स्वातन्त्र्यं गौरवम्, अखण्डत्वं सांस्कृतिकमेकत्वञ्च संस्कृतेनैव सुरक्षितुं शक्यन्ते । इयं संस्कृतभाषा सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा श्रेष्ठा चास्ति । ततः सुष्ठुक्तम् 'भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाणभारती' इति ।

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संस्कृत भाषा केवल एक प्राचीन भाषा ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और साहित्य की आत्मा भी है, जिसे हमें संरक्षित और सम्मानित करना चाहिए।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

संस्कृत साहित्य के आदिकवि वाल्मीकि, महर्षि व्यास, कविकुलगुरु कालिदास तथा अन्य महाकवि जैसे भास, भारवि और भवभूति अपने ग्रंथों के माध्यम से आज भी पाठकों के हृदय में विराजमान हैं। यह भाषा हमारी मातृभाषा के समान सम्माननीय और वंदनीय है, क्योंकि भारत माता की स्वतंत्रता, गौरव, अखंडता और सांस्कृतिक एकता को संस्कृत भाषा के माध्यम से ही सुरक्षित रखा जा सकता है। संस्कृत भाषा सभी भाषाओं में प्राचीनतम और श्रेष्ठतम मानी जाती है। अतः यह उचित रूप से कहा गया है कि 'भाषाओं में मुख्य, मधुर और दिव्य भाषा गीर्वाणभारती (संस्कृत) ही है।'
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