Question:

निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश में से किसी एक का सन्दर्भ - सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए।अतीते प्रथमकल्पे जनाः एकमभिरूपं सौभाग्य प्राप्तं सर्वाकारपरिपूर्ण पुरुषं राजानम कुर्वन् । चतुष्पदा अपि सन्निपत्य एकं सिंहं राजानमकुर्वन् । तत्रः शकुनिगणः हिमवत्-प्रदेशे एकस्मिन् पाषाणे सन्निपत्य ‘मनुरूपेषु राजा प्रज्ञायते तथा चतुष्पदेषु च । अस्माकं पुनरन्तरे राजा नास्ति । अराजको वासी नाम न वर्तते । एको राजस्थाने स्थापयितव्यः' इति उक्तवन्तः । अथ ते परस्पर- मवलोकयन्तः एकमुलूकं दृष्ट्रा 'अयं नो रोचते' इत्यवोचन् ।

Show Hint

इस गद्यांश से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी समाज में व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक योग्य नेतृत्व आवश्यक होता है।
Updated On: Nov 15, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

सन्दर्भ: उपर्युक्त गद्यांश में प्राचीन समय में राजा के महत्व और शासन की आवश्यकता को दर्शाया गया है। इसमें यह बताया गया है कि विभिन्न जातियों ने अपने समाज के लिए एक योग्य राजा का चुनाव किया और पक्षियों ने भी इस पर विचार किया।
हिन्दी अनुवाद: अतीत में प्रथम कल्प में मनुष्यों ने एक सौम्य, सौभाग्यशाली और सभी गुणों से युक्त पुरुष को अपना राजा बनाया। इसी प्रकार, चारपाए प्राणियों (पशुओं) ने मिलकर एक सिंह को अपना राजा चुना।
इसके बाद पक्षियों का समुदाय हिमालय प्रदेश के एक शिला पर एकत्र हुआ और उन्होंने परस्पर विचार किया— "मनुष्यों में राजा नियुक्त किया गया, चारपाए प्राणियों ने भी राजा चुन लिया, लेकिन हमारे बीच कोई राजा नहीं है। अराजक समाज का अस्तित्व नहीं रह सकता। हमें भी किसी एक को राजा बनाना चाहिए।"
इसके पश्चात उन्होंने इधर-उधर देखा और एक उल्लू को देखकर कहा— "यह हमें पसंद आता है। इसे ही अपना राजा बनाएँगे।"
Was this answer helpful?
0
0