Question:

निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए : 'विश्वस्य स्रष्टा ईश्वरः एक एव' इति भारतीयसंस्कृतेः मूलम् । विभिन्नमतावलम्बिनः विविधैः नामभिः एकम् एव ईश्वरं भजन्ते । अग्निः, इन्द्रः, कृष्णः, करीमः, रामः, रहीमः, जिनः, बुद्धः, ख्रिस्तः, अल्लाहः इत्यादीनि नामानि एकस्य एव परमात्मनः सन्ति । तम् एव ईश्वरं जनाः गुरुः इत्यपि मन्यते । अतः सर्वेषां मतानां समभावः सम्मानश्च अस्माकं संस्कृतेः सन्देशः । 
 

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संस्कृत से हिन्दी में अनुवाद करते समय, शब्दों के संधि-विच्छेद और विभक्ति पर ध्यान दें। जैसे 'एक एव' का अर्थ 'एक ही' है। वाक्य का भावार्थ समझकर सरल और स्पष्ट हिन्दी में अनुवाद करें।
Updated On: Nov 10, 2025
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Solution and Explanation

सन्दर्भ:
प्रस्तुत संस्कृत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के 'संस्कृत खण्ड' में संकलित 'भारतीय संस्कृतिः' नामक पाठ से उद्धृत है। इस गद्यांश में भारतीय संस्कृति की ईश्वर-संबंधी मूल अवधारणा और सर्वधर्म समभाव की भावना पर प्रकाश डाला गया है।
हिन्दी में अनुवाद:
'संसार का रचयिता ईश्वर एक ही है' यह भारतीय संस्कृति का मूल (सिद्धांत) है। विभिन्न मतों को मानने वाले अनेक नामों से एक ही ईश्वर को भजते हैं। अग्नि, इन्द्र, कृष्ण, करीम, राम, रहीम, जिन, बुद्ध, ईसा मसीह, अल्लाह इत्यादि नाम एक ही परमात्मा के हैं। उसी ईश्वर को लोग 'गुरु' के रूप में भी मानते हैं। इसलिए, सभी मतों के प्रति समान भाव और सम्मान हमारी संस्कृति का सन्देश है।
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