Question:

निम्नलिखित पाठों में से किसी एक पाठ का सारांश हिन्दी में लिखिए : (क) लोकमान्यः तिलकः (ख) गुरुनानकदेवः (ग) दीनबन्धुः ज्योतिबाफूले ।

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किसी पाठ का सारांश लिखते समय, उस व्यक्ति के जीवन की प्रमुख घटनाओं, उसके विचारों (जैसे- स्वराज का नारा) और समाज में उसके योगदान (जैसे- गीता-रहस्य की रचना, उत्सवों का प्रारम्भ) को क्रमबद्ध तरीके से लिखें।
Updated On: Nov 17, 2025
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Solution and Explanation

सारांश:
'लोकमान्यः तिलकः' पाठ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी बाल गंगाधर तिलक के जीवन और उनके योगदान पर आधारित है। तिलक का जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में हुआ था। वे एक कुशल शिक्षक, पत्रकार, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे।
उन्होंने जनता को जागरूक करने के लिए 'केसरी' और 'मराठा' नामक दो समाचार पत्रों का प्रकाशन आरम्भ किया। उन्होंने "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा" का ओजस्वी नारा दिया, जिसने देशवासियों में स्वतंत्रता की एक नई लहर दौड़ा दी।
उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'गणेशोत्सव' और 'शिवाजी उत्सव' का आयोजन प्रारम्भ किया। अंग्रेज सरकार उन्हें 'भारतीय अशान्ति का जनक' कहती थी। सरकार ने उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया और उन्हें छः वर्ष के लिए बर्मा की मांडले जेल में भेज दिया। जेल में रहते हुए उन्होंने 'गीता-रहस्य' नामक प्रसिद्ध ग्रन्थ की रचना की।
तिलक का जीवन त्याग, बलिदान और देश-सेवा का अनुपम उदाहरण है। वे भारत के उन महान सपूतों में से हैं जिनका नाम इतिहास में सदा अमर रहेगा।
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