यह प्रश्न पाठ का सारांश देने के लिए है। सारांश लिखते समय यह ध्यान में रखें कि पाठ का मुख्य संदेश और उसके प्रमुख बिंदु स्पष्ट रूप से प्रस्तुत हों।
पाठ (क) "नैतिकमूल्यानि" का सारांश:
इस पाठ में नैतिक मूल्यों की चर्चा की गई है, जो समाज और व्यक्तित्व निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। नैतिकता का मूल उद्देश्य अच्छाई और सत्य के मार्ग पर चलना है, जिससे समाज में शांति और सामंजस्य बना रहता है। इस पाठ में यह बताया गया है कि नैतिक मूल्य न केवल व्यक्तिगत जीवन, बल्कि समाज और राष्ट्र की समृद्धि के लिए भी आवश्यक होते हैं।
पाठ (ख) "आदिशङ्कराचार्यः" का सारांश:
आदिशङ्कराचार्य भारतीय संत और वेदांत के महान आचार्य थे। उनका जीवन एक आदर्श जीवन था, जिसमें उन्होंने न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक सुधारों के माध्यम से भी भारत को जागरूक किया। उन्होंने सम्पूर्ण भारत में धार्मिक एकता और आत्मज्ञान का प्रचार किया और अनेक मठों की स्थापना की। उनके अद्भुत ज्ञान और साधना ने उन्हें भारतीय दर्शन में एक महान स्थान दिलवाया।
पाठ (ग) "गुरुनानकदेवः" का सारांश:
गुरुनानकदेव जी सिख धर्म के संस्थापक थे। उनका जीवन सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों से प्रेरित था। उन्होंने समाज में समानता, धार्मिक सहिष्णुता और मानवाधिकारों का प्रचार किया। उन्होंने अपने अनुयायियों को नकारात्मकता से दूर रहने और ईश्वर की भक्ति में पूर्ण विश्वास रखने की शिक्षा दी। उनका योगदान भारतीय समाज के लिए अमूल्य है।