Comprehension

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए:

अरण्य यह मधुमय देश हमारा !
जहाँ पहुँच अनजान विश्रांत को मिलता एक सहारा।
सरस तामरस गर्व विभा पर — नाच रही तरलिता मोहिनी।
हिलता जीवन हरियाली पर — मंगल कुंकुम सारा !
लघु सुरभि से पंख पसारे — शीतल मलय समीर सहारा।
उड़ते खग जिस ओर मुंह किए — समझो नीड़ निज प्यारा।

Question: 1

काव्यांश में किसका वर्णन किया गया है?

Show Hint

जब कवि प्रकृति की बात करता है, तो वह केवल दृश्य सौंदर्य नहीं, बल्कि भावना, आत्मीयता और जीवनदर्शन भी समेटता है।
Updated On: Jul 17, 2025
  • भारत भूमि की प्राकृतिक सुंदरता का
  • भारत के गौरवशाली अतीत का
  • आकाश में उड़ते रंग-बिरंगे पक्षियों का
  • उदित होते सूरज की रंग-बिरंगी किरणों का
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

The Correct Option is A

Solution and Explanation

कवि ने इस पद्यांश में भारत भूमि की प्राकृतिक विशेषताओं का अत्यंत सौंदर्यपूर्ण चित्रण किया है।
‘अरण्य यह मधुमय देश हमारा’ में ‘अरण्य’ शब्द भारत के हरित वन क्षेत्रों की ओर संकेत करता है और ‘मधुमय’ शब्द से उसका सौंदर्य, रस और आनंद झलकता है।
कवि इस भूमि को ऐसा स्थान बताते हैं, जहाँ अनजान और थके हुए व्यक्ति को भी आश्रय मिल जाता है, जिससे भारत की करुणामयी और स्वागतशील संस्कृति उजागर होती है।
कमल पुष्पों की ‘गर्व विभा’, मलय पवन की शीतलता, जीवन की हरियाली — ये सब इस भूमि की प्राकृतिक विविधता और रमणीयता को दर्शाते हैं।
यह वर्णन न केवल दृश्यात्मक है बल्कि भावात्मक रूप से भी संपन्न है, जो भारतभूमि को केवल भूखंड नहीं, बल्कि जीवंत अनुभव में परिवर्तित करता है।
Was this answer helpful?
0
0
Question: 2

‘उड़ते खग’ प्रतीकार्थ है:

Show Hint

कविता में प्रतीक हमेशा किसी गहरे मानसिक या आध्यात्मिक भाव का संकेत होते हैं — यहाँ 'खग' = 'मन'।
Updated On: Jul 17, 2025
  • प्रवासी पक्षी
  • शरणार्थी
  • उड़ान भरने वाले पक्षी
  • गतिशील मन
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

The Correct Option is D

Solution and Explanation

‘उड़ते खग’ यानी उड़ने वाले पक्षी, केवल जीव-जंतुओं का उल्लेख नहीं करते, बल्कि मानव मन की चंचलता, गति और तलाश को प्रतीक रूप में प्रस्तुत करते हैं।
यहाँ पक्षी अपने नीड़ (घोंसले) की ओर उड़ते हुए देखे जा रहे हैं — यह उस मनुष्य की तरह है जो भटकते-भटकते अपने आत्मिक ठिकाने की ओर लौटता है।
कवि ने पक्षियों की गति को उस मानसिक अवस्था से जोड़ा है जहाँ मनुष्य जीवन की थकान, संघर्ष और अजनबीपन के बाद अपने मूल, अपनी पहचान की ओर लौटता है।
यह प्रतीक हमें बताता है कि हर प्राणी — चाहे पक्षी हो या मनुष्य — अंततः अपने प्रिय, शांत और आत्मीय स्थान की ओर ही लौटता है।
इसलिए ‘उड़ते खग’ कवि के लिए गतिशील, खोजरत, आश्रय की ओर आकृष्ट मन का प्रतीक बन जाते हैं।
Was this answer helpful?
0
0
Question: 3

तरलिता कहाँ नाच रही है?

Show Hint

‘तरलता नाच रही है’ — यह जल की चंचलता, सौंदर्य और जीवन के स्पंदन का सूचक है।
Updated On: Jul 17, 2025
  • धान के हरे-भरे खेतों पर
  • पेड़ की ऊँची चोटियों पर
  • तालाब में खिलते कमलों पर
  • मैदान में खिलते पुष्पों पर
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

The Correct Option is C

Solution and Explanation

कविता की पंक्ति “सरस तामरस गर्व विभा पर — नाच रही तरलिता मोहिनी” स्पष्ट रूप से एक कमल ताल का दृश्य रचती है।
यहाँ ‘सरस तामरस’ का अर्थ है — कमल से भरे जलस्रोत और ‘तरलिता मोहिनी’ दर्शाती है — उस जल में सूर्य की किरणों का प्रतिबिंब या पानी की चंचल लहरें।
‘नाच रही’ शब्द इस बात का संकेत है कि जल की तरंगें कमलों के बीच लहराकर नृत्य का सौंदर्य रच रही हैं।
यह दृश्य प्राकृतिक न केवल है, बल्कि उसमें सजीवता, गति, रस और चमत्कार भी है।
इसलिए तरलता का नृत्य तालाब में खिलते कमलों की पृष्ठभूमि पर ही होता है।
Was this answer helpful?
0
0
Question: 4

निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए:
कथन: भारत भूमि पर अजनबी लोगों को भी आश्रय मिला जाता है।
कारण: अजनबियों को सहारा देने और अपनाना भारत की विशेषता है।

Show Hint

भारतभूमि की आत्मा “वसुधैव कुटुम्बकम्” में बसती है — यह कथन और कारण उसी भावना के प्रतीक हैं।
Updated On: Jul 17, 2025
  • कथन गलत है, किंतु कारण सही है।
  • कथन और कारण दोनों सही हैं।
  • कथन सही है और कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
  • कथन सही है, किंतु कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं करता है।
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

The Correct Option is C

Solution and Explanation

काव्यांश की प्रथम पंक्ति ही इस तथ्य को स्पष्ट करती है — “जहाँ पहुँच अनजान विश्रांत को मिलता एक सहारा”।
‘अनजान विश्रांत’ वे लोग हैं जो भारतभूमि के मूल निवासी नहीं हैं लेकिन उन्हें इस भूमि ने अपनाया, संरक्षण दिया।
इतिहास में यह बात कई बार सिद्ध हुई है कि भारत ने जैसे पारसी, यहूदी, तिब्बती आदि समूहों को भी आश्रय प्रदान किया है।
कारण में दिया गया तथ्य — “अजनबियों को सहारा देना भारत की विशेषता है” — पूर्णतः सही है और भारत की सांस्कृतिक सहिष्णुता, समावेशिता और करुणा की पुष्टि करता है।
इसलिए कथन और कारण दोनों सही हैं, और कारण कथन की सही व्याख्या भी करता है।
Was this answer helpful?
0
0
Question: 5

कवि ने भारत भूमि को ‘मधुमय’ क्यों कहा है?

Show Hint

‘मधुमय’ = मधुर + मय = ऐसा देश जो केवल बाहरी रूप से नहीं, बल्कि भीतर से भी सुंदर और भावनापूर्ण हो।
Updated On: Jul 17, 2025
  • भारत में पाई जाने वाली सरस वनस्पति के कारण
  • देश के प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण होने के कारण
  • देश में बहने वाली सदानीरा नदियों के कारण
  • प्रेम और माधुर्य से परिपूर्ण भारतीयों के कारण
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

The Correct Option is D

Solution and Explanation

‘मधुमय’ शब्द केवल शहद या रसयुक्तता का द्योतक नहीं है, बल्कि यह भारतभूमि की भावनात्मक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मिठास को दर्शाता है।
भारत न केवल वनस्पति, नदियों और संसाधनों से भरा हुआ है, बल्कि यहाँ के निवासी भी प्रेम, करुणा और सहिष्णुता से ओतप्रोत हैं।
यह वही भूमि है जहाँ ‘अतिथि देवो भवः’, ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ जैसे सिद्धांत पले-बढ़े हैं।
भारत के जनमानस में संवेदना, सौहार्द और परस्पर सहयोग की भावना रही है।
इसलिए कवि ने भारतभूमि को ‘मधुमय’ कहा — एक ऐसी भूमि जहाँ प्रकृति और मनुष्यता दोनों में रस और माधुर्य व्याप्त है।
Was this answer helpful?
0
0

Questions Asked in CBSE CLASS XII exam

View More Questions