Question:

निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए : 
अजन्ता संसार की चित्रकलाओं में अपना अद्वितीय स्थान रखता है। इतने प्राचीन काल के इतने सजीव, इतने गतिमान, इतने बहुसंयत कथा-प्राण चित्र कहीं नहीं बने। अजन्ता के चित्रों ने देश–विदेश सर्वत्र की चित्रकला को प्रभावित किया। उसका प्रभाव पूर्व के देशों की कला पर तो पड़ा ही, मध्य-पूर्वीय एशिया भी उसके कल्पनात्मक प्रभाव से बन्धित न रह सका। 
(i) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए। 
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। 
(iii) अजन्ता की कला का बाहर के देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?

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कला-विषयक उत्तरों में रूप, रंग, रचना, भाव, प्रभाव जैसे कीवर्ड का उपयोग करें।
Updated On: Oct 11, 2025
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Solution and Explanation

(i) पाठ–लेखक:
अंश अजन्ता की भित्तिचित्र कला की उत्कृष्टता और वैभव का वर्णन करता है; पाठ/लेखक को आपके पाठ्यक्रमानुसार अंकित करें।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या:
'सजीव'—चित्रों में जीवन-गतिशीलता और संवेदना; 'गतिमान'—रेखांकन/आकृतियों में गति का बोध; 'बहुसंयत'—रंग-संयोजन, रेखाओं और भाव-प्रस्तुति में संतुलन एवं अनुशासन। तीनों मिलकर अजन्ता-चित्रों की कलात्मक परिपक्वता सिद्ध करते हैं।
(iii) बाह्य प्रभाव:
अजन्ता की कला ने भारत सहित पूर्वी देशों और मध्य-पूर्वीय एशिया की कलाधाराओं को रूप-विन्यास, भाव-संयम और कथात्मकता के स्तर पर प्रभावित किया; अनेक शैलियों में इसके अनुगामी रूप दिखाई देते हैं।
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