'मुक्तियज्ञ' खण्डकाव्य स्वतंत्रता संग्राम की गौरवगाथा का वर्णन करता है, जिसमें नायक का संघर्ष, बलिदान और देशभक्ति मुख्य घटनाओं के रूप में उभरते हैं।
स्वतंत्रता की भावना का जागरण:
प्रारंभ में नायक समाज को स्वतंत्रता की महत्ता का बोध कराता है और लोगों को जागरूक करने का कार्य करता है।
संघर्ष और क्रांति:
नायक अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करता है और समाज में क्रांति की ज्वाला प्रज्वलित करता है।
बलिदान और वीरगति:
अंततः नायक देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देता है, जिससे वह अमर हो जाता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनता है।
समाज पर प्रभाव:
नायक के बलिदान के बाद समाज में स्वतंत्रता और न्याय की अलख जगती है, जिससे राष्ट्रीय एकता और संकल्प मजबूत होते हैं।
'मुक्तियज्ञ' खण्डकाव्य की घटनाएँ राष्ट्र प्रेम, संघर्ष और आत्मबलिदान की भावना को जागृत करती हैं और पाठकों को देशभक्ति का संदेश देती हैं।