'मुक्तियज्ञ' खण्डकाव्य एक प्रेरणादायक रचना है, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम, बलिदान और राष्ट्रीय भावना का उत्कृष्ट चित्रण किया गया है। इसकी प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं:
स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठभूमि: यह खण्डकाव्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित घटनाओं पर आधारित है, जिसमें नायक के संघर्ष और बलिदान को दर्शाया गया है।
नायक की देशभक्ति: नायक अपने देश के लिए आत्मबलिदान करने के लिए संकल्पित होता है और स्वतंत्रता की भावना को सर्वोच्च मानता है।
त्याग और संघर्ष: काव्य में नायक के संघर्षों का उल्लेख मिलता है, जिसमें वह देशहित में व्यक्तिगत सुख-आराम को त्याग कर स्वतंत्रता के लिए लड़ता है।
बलिदान और प्रेरणा: खण्डकाव्य के अंत में नायक राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाते हुए बलिदान देता है, जिससे पाठकों को प्रेरणा मिलती है।
'मुक्तियज्ञ' खण्डकाव्य देशभक्ति, त्याग और संघर्ष की भावना को उजागर करता है और पाठकों को स्वतंत्रता के मूल्य का एहसास कराता है।