'मुक्तियज्ञ' खण्डकाव्य में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कई प्रमुख घटनाओं का वर्णन किया गया है। इनमें से एक महत्वपूर्ण घटना 'दांडी यात्रा' है, जिसे गांधीजी ने नमक सत्याग्रह के रूप में चलाया।
दांडी यात्रा का आरंभ:
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी तक 241 मील की यात्रा शुरू की।
अहिंसक विरोध का संकल्प:
इस यात्रा के माध्यम से उन्होंने नमक कानून का उल्लंघन कर अंग्रेजी शासन को खुली चुनौती दी।
स्वतंत्रता संग्राम में जनभागीदारी:
लाखों भारतीय इस आंदोलन में जुड़े और सत्याग्रह आंदोलन को बल मिला।
ब्रिटिश सरकार की दमन नीति:
सरकार ने सत्याग्रहियों पर कठोर दमन किया, गांधीजी को गिरफ्तार किया गया, लेकिन आंदोलन और मजबूत होता गया।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान:
दांडी यात्रा ने भारत में स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी और ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी।
यह घटना महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मील का पत्थर साबित हुई।