Question:

'मनुज भारती देखि कोउ, सकत नहीं पहिचान' यह पंक्ति किस कविता से है ?'

Show Hint

कविताएँ राष्ट्रप्रेम और सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाती हैं।
Updated On: Nov 10, 2025
  • भारतमाता
  • स्वदेशी
  • अक्षर ज्ञान
  • हमारी नींद
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

The Correct Option is A

Solution and Explanation

"मनुज भारती देखि कोउ, सकत नहीं पहिचान" यह पंक्ति 'भारतमाता' कविता से है। इस कविता में भारतीय संस्कृति और देश की महानता की गहरी सोच व्यक्त की गई है।
Was this answer helpful?
0
0

Top Questions on काव्यांश पर आधारित प्रश्न

View More Questions