Comprehension

कुसंग का ज्वर सबसे भयानक होता है । यह केवल नीति और सद्वृत्ति का ही नाश नहीं करता, बल्कि बुद्धि का भी क्षय करता है । किसी युवा पुरुष की संगति यदि बुरी होगी, तो वह उसके पैरों में बँधी चक्की के समान होगी, जो उसे दिन-दिन अवनति के गड्ढे में गिराती जायगी और यदि अच्छी होगी तो सहारा देने वाली बाहु के समान होगी, जो उसे निरन्तर उन्नति की ओर उठाती जाएँगी । 
 

Question: 1

उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए ।

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सारांश लिखते समय गद्यांश के मूल भाव को अपने शब्दों में संक्षेप में प्रस्तुत करें। यह मूल गद्यांश का लगभग एक-तिहाई होना चाहिए।
Updated On: Nov 11, 2025
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सारांश:
प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने संगति के प्रभाव पर प्रकाश डाला है। लेखक के अनुसार, बुरी संगति एक भयानक बुखार की तरह है जो न केवल व्यक्ति के अच्छे आचरण और नैतिकता को नष्ट करती है, बल्कि उसकी सोचने-समझने की शक्ति (बुद्धि) को भी कमजोर कर देती है। बुरी संगति व्यक्ति को लगातार पतन की ओर ले जाती है, जबकि अच्छी संगति उसे सहारा देकर निरन्तर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाती है।
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Question: 2

रेखाङ्कित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(नोट: चूँकि कोई अंश रेखांकित नहीं है, हम इस महत्वपूर्ण वाक्य की व्याख्या करेंगे: "किसी युवा पुरुष की संगति यदि बुरी होगी...जो उसे निरन्तर उन्नति की ओर उठाती जाएँगी।")

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रेखांकित अंश की व्याख्या करते समय लेखक द्वारा दिए गए उदाहरणों (जैसे - पैरों में बंधी चक्की, सहारा देने वाली बाहु) का अर्थ स्पष्ट करें और उन्हें मूल भाव से जोड़ें।
Updated On: Nov 11, 2025
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रेखांकित अंश की व्याख्या:
लेखक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कहते हैं कि मनुष्य के जीवन में संगति का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है, विशेषकर युवावस्था में।
यदि किसी युवा व्यक्ति को बुरे लोगों का साथ मिलता है, तो वह संगति उसके पैरों में बंधी पत्थर की चक्की के समान बन जाती है। जिस प्रकार चक्की व्यक्ति को आगे नहीं बढ़ने देती और उसे नीचे की ओर खींचती है, उसी प्रकार बुरी संगति भी उसे उन्नति करने से रोकती है और दिन-प्रतिदिन पतन के अंधकार भरे गड्ढे में धकेलती जाती है।
इसके विपरीत, यदि उसकी संगति अच्छे लोगों से होती है, तो वह एक मजबूत सहारे देने वाले हाथ (बाहु) की तरह काम करती है, जो उसे गिरने से बचाती है और लगातार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने में सहायता करती है।
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Question: 3

'सुदृढ़ बाहु' का क्या अर्थ है ?

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किसी शब्द या वाक्यांश का अर्थ बताते समय पहले उसका शाब्दिक अर्थ और फिर प्रसंग के अनुसार उसका भावार्थ लिखें। इससे उत्तर अधिक स्पष्ट होता है।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

'सुदृढ़ बाहु' का शाब्दिक अर्थ है 'मजबूत भुजा' या 'मजबूत हाथ'।
प्रस्तुत गद्यांश के सन्दर्भ में, 'सुदृढ़ बाहु' का अर्थ है - एक ऐसा मजबूत सहारा जो किसी व्यक्ति को गिरने से बचाता है और उसे उन्नति की ओर आगे बढ़ने में मदद करता है।
यहाँ 'सुदृढ़ बाहु' अच्छी संगति का प्रतीक है।
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