'कोई भी भाषा आपकी व्यवहार में बाबू नहीं बनती' अपने आस-पास से कोई उदाहरण देकर इस तथ्य की पुष्टि कीजिए।
इस कथन का मतलब है कि भाषा का प्रभाव हमारे व्यवहार पर नहीं होता, बल्कि हमारा आचरण और कार्य संस्कृति महत्वपूर्ण होते हैं। उदाहरण के तौर पर, कोई भी व्यक्ति शुद्ध हिंदी बोलने के बावजूद यदि वह शिष्टाचार और आदर का पालन नहीं करता है, तो उसकी भाषा प्रभावी नहीं मानी जाएगी। व्यवहार की ईमानदारी और संस्कार महत्वपूर्ण हैं।
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