Question:

काव्य की प्रवृत्ति एवं रचना शैली के आधार पर रीतिकाल की कितनी धाराएँ स्वीकार की गयी हैं ? 
 

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रीतिकाल की इन तीनों धाराओं के नाम और उनके एक-एक प्रतिनिधि कवि का नाम याद रखना परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
Updated On: Nov 11, 2025
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Question
प्रश्न में पूछा गया है कि रीतिकाल को कितनी काव्य-धाराओं में विभाजित किया गया है।
Step 2: Detailed Explanation
काव्य की प्रवृत्ति और रचना शैली के आधार पर रीतिकाल को मुख्यतः तीन धाराओं में विभाजित किया गया है:
रीतिबद्ध काव्यधारा: इस धारा के कवियों ने संस्कृत काव्यशास्त्र के नियमों (रीति) में बँधकर लक्षण-ग्रंथों की रचना की। केशवदास, मतिराम, पद्माकर आदि इस धारा के प्रमुख कवि हैं।
रीतिसिद्ध काव्यधारा: इस धारा के कवियों ने रीति-ग्रंथ नहीं लिखे, किन्तु अपनी रचनाओं में रीति के नियमों का सफलतापूर्वक निर्वाह किया। बिहारीलाल इस धारा के प्रतिनिधि कवि हैं।
रीतिमुक्त काव्यधारा: इस धारा के कवियों ने रीति के बंधनों को त्यागकर स्वच्छंद प्रेम की कविताएँ लिखीं। घनानन्द, आलम, बोधा आदि इस धारा के प्रमुख कवि हैं।
Step 3: Final Answer
अतः, रीतिकाल की तीन धाराएँ स्वीकार की गयी हैं। सही उत्तर (C) है।
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