Question:

फ़िराक की रचनाओं में उभरे घरेलू जीवन के बिंबों का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए। 
 

Show Hint

घरेलू बिंबों का विश्लेषण करते समय केवल दृश्य का नहीं, उसमें निहित भाव का भी उल्लेख करें — तभी उत्तर प्रभावशाली होगा।
Updated On: Jul 31, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

फ़िराक गोरखपुरी की कविताओं में घरेलू जीवन के बिंब अत्यंत कोमल, आत्मीय और संवेदनशील रूप में उभरते हैं। उनके काव्य में घर का आँगन, दीवारों की छाया, रसोई की खुशबू, बच्चों की मुस्कान, स्त्री की उपस्थिति — ये सभी तत्व एक जीवंत चित्र की तरह सामने आते हैं।
फ़िराक का काव्य संसार केवल बाहरी प्रकृति तक सीमित नहीं रहता, वह घर की भीतरी दुनिया को भी उतनी ही संवेदनशीलता से चित्रित करता है। घरेलू जीवन उनके लिए केवल एक पृष्ठभूमि नहीं, बल्कि वह आत्मीयता और प्रेम का केंद्र है। उनके बिंबों में घर एक ऐसी जगह बन जाता है जहाँ जीवन की नमी, रिश्तों की ऊष्मा और स्मृतियों की सुगंध बसती है।
इस प्रकार, फ़िराक का घरेलू बिंब-सौंदर्य कविता को केवल दृश्य नहीं, अनुभूति बना देता है — पाठक उसमें स्वयं को अनुभव करने लगता है।
Was this answer helpful?
0
0

Top Questions on प्रश्न उत्तर

View More Questions

Questions Asked in CBSE CLASS XII exam

View More Questions