दिये गए पंक्तियों पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
गद्यांश:
अपने जीवन का रस देकर जिसको कला से पाला है,
क्या वह केवल अवसाद-मिलन से आँसू की माला है?
वे लोग होंगे प्रेम जिनसे अनुभव-रस का कटु प्याला है,
वे मृत होंगे प्रेम जिन्हें समर्पणकारी हाला है।
उपर्युक्त पंक्तियों का शिर्षक एवं कवि का नाम लिखिए।
यह पंक्तियाँ महात्मा गांधी के जीवन के संघर्ष और उनके त्याग को दर्शाती हैं।
शिर्षक: "प्रेम और समर्पण" कवि का नाम: सुमित्रानंदन पंत
रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
कवि ने इन्हें मृत्यु कहा है?
'अवसाद' और 'समर्पण' शब्दों के अर्थ लिखिए।
अवसाद: मानसिक शांति की कमी, या दुख और मानसिक तनाव की स्थिति।
समर्पण: किसी उच्च उद्देश्य के लिए अपनी इच्छाओं और स्वार्थों का त्याग करना।
कवि के अनुसार जीवन की सार्थकता किसमें निहित है?
‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ के आधार पर गाँव की प्रकृति का गर्मी, सर्दी और वर्षा ऋतुओं के अनुभव वर्णन कीजिए। वहाँ के लोग गर्मी ऋतु के प्रकोप से बचने के लिए क्या उपाय करते थे?
‘अपना मालवा खाऊँ–उजाऊ सभ्यता में.....’ पाठ में विक्रमादित्य, भोज और मुँज आदि राजाओं का उल्लेख किस संदर्भ में आया है? स्पष्ट कीजिए।
‘तोड़ो’ कविता का कवि क्या तोड़ने की बात करता है और क्यों?
“इसी तरह भरता और खाली होता है यह शहर” पंक्ति के संदर्भ में बनारस शहर के ‘भरने’ और ‘खाली’ होने से क्या अभिप्राय है?
“मैंने निज दुर्बल पद-बल, उससे हारी होड़ लगाई” ‘देवसेना का गीत’ से उद्धृत इस पंक्ति से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?