दिए गए पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
मैं नीर भरी दुःख की बदली।
स्पंदन में चिर निश्चय बसा,
क्रंदन में आहट विषम हँसी,
नयनों में दीपक से जलते
पलकों में निर्झरी मचली!
उपर्युक्त पद्यांश का शोधक एवं रचना का नाम लिखिए।
रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
'नयनों में दीपक से जलते' में कौन-सा अलंकार प्रस्तुत हुआ है?स्पष्ट कीजिए।
कवयित्री के निःसंग रहने का क्या कारण है?
उपर्युक्त पद्यांश में कवयित्री ने स्वयं को क्या बताया है?
‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ के आधार पर गाँव की प्रकृति का गर्मी, सर्दी और वर्षा ऋतुओं के अनुभव वर्णन कीजिए। वहाँ के लोग गर्मी ऋतु के प्रकोप से बचने के लिए क्या उपाय करते थे?
‘अपना मालवा खाऊँ–उजाऊ सभ्यता में.....’ पाठ में विक्रमादित्य, भोज और मुँज आदि राजाओं का उल्लेख किस संदर्भ में आया है? स्पष्ट कीजिए।
‘तोड़ो’ कविता का कवि क्या तोड़ने की बात करता है और क्यों?
“इसी तरह भरता और खाली होता है यह शहर” पंक्ति के संदर्भ में बनारस शहर के ‘भरने’ और ‘खाली’ होने से क्या अभिप्राय है?
“मैंने निज दुर्बल पद-बल, उससे हारी होड़ लगाई” ‘देवसेना का गीत’ से उद्धृत इस पंक्ति से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?