दिए गए पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
पद्यांश:
सावधान मनुज! यदि विज्ञान है तलवार,
तो इसे फेंक तजकर मोह, स्मृति के पार।
हो चुका है सिद्ध रे, शिशु अभी अजान,
फूल काँटों की तुझे कुछ भी नहीं पहचान।
खेल सकता तू नहीं ले हाथ में तलवार,
काट लेगा अंग, तीखी है बड़ी यह धार॥
पाठ का शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
विज्ञान को तलवार क्यों कहा है?
कवि ने वैज्ञानिक युग के मानव को क्या चेतावनी दी है?
मनुष्य को अजान शिशु क्यों कहा गया है?
रेखांकित पंक्ति की व्याख्या कीजिए।
‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ के आधार पर गाँव की प्रकृति का गर्मी, सर्दी और वर्षा ऋतुओं के अनुभव वर्णन कीजिए। वहाँ के लोग गर्मी ऋतु के प्रकोप से बचने के लिए क्या उपाय करते थे?
‘अपना मालवा खाऊँ–उजाऊ सभ्यता में.....’ पाठ में विक्रमादित्य, भोज और मुँज आदि राजाओं का उल्लेख किस संदर्भ में आया है? स्पष्ट कीजिए।
‘तोड़ो’ कविता का कवि क्या तोड़ने की बात करता है और क्यों?
“इसी तरह भरता और खाली होता है यह शहर” पंक्ति के संदर्भ में बनारस शहर के ‘भरने’ और ‘खाली’ होने से क्या अभिप्राय है?
“मैंने निज दुर्बल पद-बल, उससे हारी होड़ लगाई” ‘देवसेना का गीत’ से उद्धृत इस पंक्ति से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?