Comprehension

दिए गए पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

सुख भोग खोजने आते सब, आये तुम करने सत्य खोज,
जग की मिट्टी के पुतले जन
तुम आत्मा के मन के मनोज !
जड़ता, हिंसा, स्पर्धा में भर
चेतना, अहिंसा, नम्र ओज,
पशुता का पंकज बना दिया
तुमने मानवता का सरोज !

Question: 1

उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

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संदर्भ लिखते समय कविता के मूल विचार और उसकी प्रेरणा को स्पष्ट करना आवश्यक होता है।
Updated On: Nov 7, 2025
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Solution and Explanation


यह पद्यांश कवि की प्रेरणादायक रचनाओं में से एक है, जिसमें सत्य और मानवता के महत्व को उजागर किया गया है। इसमें उन महान विभूतियों का गुणगान किया गया है जो इस संसार में केवल भौतिक सुखों की खोज में नहीं आए, बल्कि उन्होंने सत्य, अहिंसा और चेतना का मार्ग अपनाया। कवि ने इन विभूतियों को मानवता का पथप्रदर्शक माना है।
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Question: 2

साधारण मनुष्य संसार में क्या खोजता है?

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साहित्य में साधारण मनुष्यों और महापुरुषों के उद्देश्यों के अंतर को समझकर उत्तर दें।
Updated On: Nov 7, 2025
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Solution and Explanation


साधारण मनुष्य इस संसार में सुख भोग और भौतिक वस्तुओं की खोज करता है। वह सांसारिक ऐश्वर्य, धन, वैभव और सुविधाओं की तलाश में जीवन व्यतीत करता है। कवि के अनुसार, अधिकांश लोग केवल इंद्रियों की तृप्ति और सांसारिक विलासिता के पीछे भागते हैं, लेकिन कुछ महापुरुष ऐसे होते हैं जो सत्य, अहिंसा और आत्मज्ञान की खोज में आते हैं।
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Question: 3

रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

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काव्य पंक्तियों की व्याख्या करते समय उनके भीतर छिपे गहरे दार्शनिक और नैतिक संदेश को स्पष्ट करें।
Updated On: Nov 7, 2025
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Solution and Explanation


रेखांकित अंश "जड़ता, हिंसा, स्पर्धा में भर चेतना, अहिंसा, नम्र ओज" का तात्पर्य यह है कि इस संसार में जहां जड़ता (अज्ञान), हिंसा (अहंकार) और प्रतिस्पर्धा (द्वेष) भरी हुई है, वहाँ कुछ महापुरुष अपने ज्ञान, अहिंसा और सौम्यता के गुणों से इस नकारात्मकता को समाप्त कर देते हैं। वे समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाकर, अहिंसा का संदेश देकर और विनम्रता की शक्ति से मानवता को ऊँचा उठाते हैं। उनका उद्देश्य केवल भौतिक सुखों में लिप्त रहना नहीं, बल्कि मानवता के कल्याण के लिए कार्य करना होता है।
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Question: 4

'पशुता का पंकज' से कवि का क्या तात्पर्य है?

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कवि अक्सर बुराइयों और अच्छाइयों के बीच तुलना करने के लिए प्रतीकों का प्रयोग करते हैं, जिन्हें समझना आवश्यक होता है।
Updated On: Nov 7, 2025
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Solution and Explanation


'पशुता का पंकज' का तात्पर्य पशु-सदृश प्रवृत्तियों (हिंसा, स्वार्थ, अज्ञान और लालच) से उत्पन्न होने वाले महान व्यक्तित्वों से है। कवि कहना चाहते हैं कि महापुरुष समाज की तमाम बुराइयों, अहंकार, हिंसा और लालच के बीच जन्म लेते हैं और उसी वातावरण में रहकर भी कमल की भाँति खिले रहते हैं। वे समाज को नई दिशा देते हैं और मानवता का उद्धार करते हैं।
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Question: 5

'स्पर्धा' और 'नम्र-ओज' शब्दों के अर्थ लिखिए।

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शब्दों के अर्थ केवल शब्दकोशीय न होकर संदर्भानुसार व्याख्या करने चाहिए।
Updated On: Nov 7, 2025
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Solution and Explanation

  • स्पर्धा: 'स्पर्धा' का अर्थ होता है प्रतियोगिता, ईर्ष्या या प्रतिस्पर्धा। यह शब्द आमतौर पर किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करने या दूसरों से आगे बढ़ने की भावना को दर्शाता है। 
  • नम्र-ओज: 'नम्र-ओज' दो शब्दों का संयोजन है—'नम्र' (विनम्रता) और 'ओज' (तेज या शक्ति)। इसका अर्थ है वह शक्ति जो विनम्रता के साथ हो, अर्थात् सौम्य तेज। यह शब्द उन व्यक्तियों के लिए प्रयोग होता है जो शक्ति और ऊर्जा से भरपूर होते हैं, लेकिन उनके स्वभाव में विनम्रता भी होती है। 
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