दिए गए पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
सुख भोग खोजने आते सब, आये तुम करने सत्य खोज,
जग की मिट्टी के पुतले जन
तुम आत्मा के मन के मनोज !
जड़ता, हिंसा, स्पर्धा में भर
चेतना, अहिंसा, नम्र ओज,
पशुता का पंकज बना दिया
तुमने मानवता का सरोज !
उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
साधारण मनुष्य संसार में क्या खोजता है?
रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
'पशुता का पंकज' से कवि का क्या तात्पर्य है?
'स्पर्धा' और 'नम्र-ओज' शब्दों के अर्थ लिखिए।
‘बिस्कोहर की माटी’ पाठ के आधार पर गाँव की प्रकृति का गर्मी, सर्दी और वर्षा ऋतुओं के अनुभव वर्णन कीजिए। वहाँ के लोग गर्मी ऋतु के प्रकोप से बचने के लिए क्या उपाय करते थे?
‘अपना मालवा खाऊँ–उजाऊ सभ्यता में.....’ पाठ में विक्रमादित्य, भोज और मुँज आदि राजाओं का उल्लेख किस संदर्भ में आया है? स्पष्ट कीजिए।
‘तोड़ो’ कविता का कवि क्या तोड़ने की बात करता है और क्यों?
“इसी तरह भरता और खाली होता है यह शहर” पंक्ति के संदर्भ में बनारस शहर के ‘भरने’ और ‘खाली’ होने से क्या अभिप्राय है?
“मैंने निज दुर्बल पद-बल, उससे हारी होड़ लगाई” ‘देवसेना का गीत’ से उद्धृत इस पंक्ति से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?