Question:

‘बिस्किटवाला की मौत’ पाठ के आधार पर बिस्किटवाले की होने वाली मौत का वर्णन कीजिए, साथ ही गाँव वालों को उसके बाद होने वाली क्रियाओं का उल्लेख कीजिए। 
 

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याद रखें: 'बिस्किटवाला की मौत' पाठ एक चेतावनी है कि हमें समाज में हर व्यक्ति की गरिमा, सहभागिता और जीवन की महत्ता को समझना चाहिए।
Updated On: Jul 18, 2025
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Solution and Explanation

'बिस्किटवाला की मौत' पाठ एक संवेदनशील और करुण कथा है, जो समाज की उपेक्षा, अकेलेपन और असंवेदनशीलता की ओर ध्यान आकर्षित करती है।
बिस्किटवाले की मृत्यु अचानक नहीं होती, बल्कि यह वर्षों से चला आ रहा उपेक्षा का परिणाम है।
वह एक बूढ़ा व्यक्ति था जो गाँव में बिस्किट और टॉफियाँ बेचकर जीवन यापन करता था।
बचपन में जिस व्यक्ति से सभी बच्चे प्रेम करते थे, वही व्यक्ति बुज़ुर्गावस्था में अकेलापन, तिरस्कार और भूख से ग्रसित होकर गुमनाम जीवन जीने को मजबूर हो गया।
उसकी मृत्यु उसके झोपड़े में हुई और कई दिन तक किसी को इसका पता नहीं चला।
यह समाज की असंवेदनशीलता का भयावह चित्रण है जहाँ एक व्यक्ति की मौत भी किसी को विचलित नहीं करती।
जब बिस्किटवाले की मृत्यु का पता चला, तब गाँव वालों ने औपचारिकता निभाते हुए अंतिम संस्कार किया, लेकिन उसके जीवन की उपेक्षा और दर्द को न तो किसी ने समझा और न ही किसी ने साझा किया।
उसकी मौत के बाद कुछ दिनों तक लोग चर्चा करते रहे, फिर सब सामान्य हो गया।
यह घटना समाज में बुज़ुर्गों की स्थिति, सामाजिक एकाकीपन और आत्मीयता के अभाव को उजागर करती है।
लेखक ने इस पाठ में हमें झकझोरने वाला संदेश दिया है कि संवेदना और मानवीयता का लोप समाज को मृतप्राय बना देता है।
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