Comprehension

निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्पों को चुनकर लिखिए : 
भक्तिन की कंजूसी के प्राण पूंजीभूत होते-होते पर्वताकार बन चुके थे; परंतु इस उदारता के डायनामाइट ने क्षणभर में उन्हें उड़ा दिया । इतने थोड़े रुपयों का कोई महत्व नहीं; परंतु रुपयों के प्रति भक्तिन का अनुराग इतना प्रख्यात हो चुका है कि मेरे लिए उसका परित्याग मेरे महत्व की सीमा तक पहुँचा देता है । भक्तिन और मेरे बीच में सेवक-स्वामी का संबंध है, यह कहना कठिन है; क्योंकि ऐसा कोई स्वामी नहीं हो सकता, जो इच्छा होने पर भी सेवक को अपनी सेवा से हटा न सके और ऐसा कोई सेवक भी नहीं सुना गया, जो स्वामी के चले जाने का आदेश पाकर अवज्ञा से हँस दे । भक्तिन की नौकर कहना उतना ही असंभव है, जितना अपने घर में बारी-बारी से आने-जाने वाले अँधेरों-उजालों और आँगन में फूलने वाले गुलाब और आम को सेवक मानना ।

Question: 1

‘भक्तिन की चेष्टाएँ के आगे दुश्‍यंत होती–होती पर्यवेक्षक बन चुके थे।’ – पंक्ति का आशय है —

Show Hint

काव्य या गद्यांश के भावों को समझते हुए नायक की मानसिक अवस्था में आए बदलाव को ध्यान से पढ़ें — वही सही उत्तर तक पहुँचने की कुंजी है।
Updated On: Jul 28, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

इस पंक्ति में यह दर्शाया गया है कि भक्तिन का वृक्षों के प्रति प्रेम इतना गहरा था कि वह पेड़ों की रक्षा के लिए पूरी निष्ठा से प्रयासरत थी। उसकी निःस्वार्थ भावना और समर्पण देखकर दुश्यंत, जो आरंभ में केवल निरीक्षक की भूमिका में थे, स्वयं भावनात्मक रूप से उससे प्रभावित हो गए।
इसलिए कहा गया कि वे ‘पर्यवेक्षक बन चुके थे’ — यानी अब वे तटस्थ नहीं रह सके, बल्कि वृक्षों के प्रति उस सच्चे प्रेम और पीड़ा से भावनात्मक रूप से जुड़ गए। यह पंक्ति भाव और संवेदना के प्रसार को दर्शाती है।
Was this answer helpful?
0
0
Question: 2

भक्तिन की किस ‘उदारता के डायनामाइट’ ने महादेवी जी को आश्चर्यचकित कर दिया ?

Show Hint

कथन में प्रयुक्त विशेष उपमाओं और शब्दों को पहचानना उत्तर समझने की कुंजी है — ‘डायनामाइट’ यहाँ अत्यधिक प्रभाव का प्रतीक है।
Updated On: Jul 28, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

गद्यांश में बताया गया है कि भक्तिन ने महादेवी जी के प्रति इतना समर्पण भाव प्रकट किया कि उसने उनके गाँव में रहने का संपूर्ण प्रबंध अपनी पूँजी से करने का निर्णय लिया। यह कार्य उसने बिना किसी अपेक्षा या दिखावे के किया।
महादेवी जी इस बात से अत्यंत आश्चर्यचकित हो गईं कि एक साधारण महिला में इतनी निःस्वार्थ उदारता कैसे हो सकती है। इसी को उन्होंने ‘उदारता का डायनामाइट’ कहा — जो न केवल विस्फोटक था, बल्कि मानवीय संवेदना और प्रेम का ज्वलंत उदाहरण भी।
Was this answer helpful?
0
0
Question: 3

भक्तिन को नौकर कहना क्यों असंगत था ?

Show Hint

किसी चरित्र को परिभाषित करते समय उसकी मानसिकता और भावनात्मक स्वतंत्रता को पहचानना ज़रूरी होता है।
Updated On: Jul 28, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

गद्यांश में भक्तिन को नौकर कहना असंगत इसलिए था क्योंकि वह कोई वेतनभोगी या आदेश-पालक नौकरानी नहीं थी, बल्कि अपने मन से कार्य करने वाली स्वाभिमानी महिला थी।
वह महादेवी जी की सेवा अपने प्रेम, श्रद्धा और समर्पण के कारण करती थी, न कि नौकरी के रूप में। उसकी कार्यशैली में स्वतंत्रता और आत्मसम्मान झलकता था। इसी कारण उसे ‘नौकर’ कहना उसकी गरिमा और भावनात्मक जुड़ाव को कम करके आंकना होता।
इसलिए उत्तर (B) — “वह निजी इच्छा के अनुसार कार्य करती थी” — सबसे उपयुक्त है।
Was this answer helpful?
0
0
Question: 4

गद्यांश में अँधेरे–उजाले, आम और गुलाब का उदाहरण किस संदर्भ में दिया गया है ?

Show Hint

प्रतीकात्मक उदाहरणों का अर्थ तभी स्पष्ट होता है जब उन्हें संदर्भ से जोड़ा जाए — विशेषतः जब वे संबंधों को दर्शाते हैं।
Updated On: Jul 28, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

गद्यांश में ‘अँधेरा–उजाला’, ‘आम–गुलाब’ जैसे विपरीत प्रतीकों का प्रयोग भक्तिन और महादेवी जी के संबंधों की विविधता और पूर्णता को दर्शाने के लिए किया गया है।
यह उदाहरण यह बताने के लिए है कि यद्यपि दोनों की सामाजिक, वैचारिक और जीवन स्थितियाँ भिन्न थीं, फिर भी उनके बीच आत्मीयता, स्नेह और समझ की गहराई थी।
जैसे अँधेरा–उजाला एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं, वैसे ही भक्तिन और महादेवी जी का संबंध भी परस्पर पूरक था।
Was this answer helpful?
0
0
Question: 5

महादेवी जी द्वारा भक्तिन को अपनी सेवा से न हटाने का कारण था, अपने प्रति उसका _________ । (रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए) 
 

Show Hint

‘अपनत्व’ सेवा से कहीं बड़ा भाव होता है — यह निष्ठा, स्नेह और आत्मीयता का सम्मिलित रूप है।
Updated On: Jul 28, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

गद्यांश में स्पष्ट उल्लेख है कि महादेवी जी भक्तिन को अपनी सेवा से इसीलिए नहीं हटाना चाहती थीं क्योंकि भक्तिन के व्यवहार में गहरा अपनत्व था। यह अपनत्व मात्र एक औपचारिक सेवा नहीं था, बल्कि आत्मीयता से भरा हुआ संबंध था।
महादेवी जी को उसमें मात्र सेविका नहीं, बल्कि एक ऐसा व्यक्ति दिखता था जो निस्वार्थ भाव से जुड़ा था और उनके प्रति सच्चे मन से समर्पित था।
इसलिए ‘अपनत्व’ ही वह विशेषता थी, जिसने भक्तिन को महादेवी जी के जीवन में एक विशेष स्थान दिलाया।
Was this answer helpful?
0
0

Top Questions on गद्यांश पर आधारित प्रश्न

View More Questions

Questions Asked in CBSE CLASS XII exam

View More Questions