'त्यागपथी' खण्डकाव्य की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
धार्मिकता और त्याग: इस काव्य में मुख्य रूप से त्याग, बलिदान और धार्मिक निष्ठा का चित्रण किया गया है। इसमें मुख्य पात्र हर्षवर्धन का त्याग और उसकी धार्मिकता को प्रमुखता से दिखाया गया है।
मानवीय मूल्यों का संरक्षण: काव्य में समाज और मानवता के महत्व को स्पष्ट किया गया है। इसमें यह बताया गया है कि एक व्यक्ति को अपने कर्तव्यों और समाज के लिए त्याग करना चाहिए।
सामाजिक उत्तरदायित्व: काव्य में हर्षवर्धन को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले नायक के रूप में चित्रित किया गया है। वह हमेशा अपने प्रजा के कल्याण के लिए कार्य करता है।
अद्वितीय काव्यशैली: 'त्यागपथी' की काव्यशैली अत्यधिक प्रभावशाली और सुंदर है। इसमें शब्दों की गहराई और भावनाओं का सामंजस्य दिखाई देता है, जो पाठक को प्रेरित करता है।
आदर्श शासक का चित्रण: काव्य में हर्षवर्धन के माध्यम से एक आदर्श शासक की भूमिका को उजागर किया गया है, जो धर्म, निष्ठा और न्याय के सिद्धांतों का पालन करता है।
इस खण्डकाव्य का मुख्य उद्देश्य त्याग, बलिदान, और समाज के प्रति जिम्मेदारी का संदेश देना है, जो हर्षवर्धन के चरित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।