'आलोकवृत्त' खण्डकाव्य में महात्मा गाँधी के जीवन और उनके संघर्षों के प्रमुख क्षणों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसके कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं:
दांडी मार्च: दांडी मार्च महात्मा गाँधी का एक प्रमुख सत्याग्रह था, जिसमें उन्होंने नमक कानून का विरोध किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन को गति दी। इस घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।
नमक सत्याग्रह: गाँधी जी ने ब्रिटिश शासन के द्वारा लगाए गए नमक कर के खिलाफ संघर्ष किया। यह घटना भारतीय जनता को एकजुट करने और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करने वाली थी।
चम्पारण सत्याग्रह: यह गाँधी जी का पहला महत्वपूर्ण सत्याग्रह था, जिसमें उन्होंने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उनके शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई। इस सत्याग्रह ने गाँधी जी को भारतीय समाज में एक नेता के रूप में स्थापित किया।
ख़िलाफ़त आंदोलन: गाँधी जी ने ख़िलाफ़त आंदोलन में भी भाग लिया, जो भारतीय मुसलमानों के अधिकारों के लिए था। इस आंदोलन ने हिन्दू-मुसलमान एकता को बढ़ावा दिया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एकजुट किया।
स्वदेशी आंदोलन: गाँधी जी ने स्वदेशी वस्त्रों को अपनाने और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करने का आह्वान किया। इस आंदोलन ने भारतीयों में स्वावलंबन की भावना पैदा की और भारतीय उद्योगों को बढ़ावा दिया।
'आलोकवृत्त' खण्डकाव्य की घटनाएँ महात्मा गाँधी के संघर्ष और उनके दृष्टिकोण के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाती हैं, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।