'आलोकवृत्त' खण्डकाव्य हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण रचना है, जिसमें भक्ति और शौर्य की गहरी भावना निहित है। इसके प्रमुख गुण और विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
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\item आध्यात्मिक और भक्ति आधारित काव्य: 'आलोकवृत्त' में आध्यात्मिकता और भक्ति की प्रमुख भूमिका है, जहां कवि ने ईश्वर के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा को व्यक्त किया है।
\item सामाजिक और नैतिक संदेश: इस काव्य के माध्यम से कवि ने समाज के सामाजिक और नैतिक पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित किया है। इसके माध्यम से व्यक्तिगत और सामूहिक नैतिक जिम्मेदारियों की अहमियत को उजागर किया गया है।
\item काव्य की शैली: 'आलोकवृत्त' की काव्यशैली सरल, प्रवाहपूर्ण और प्रभावशाली है। कवि ने संवादात्मक और काव्यात्मक रूप में गहरी भावनाओं को व्यक्त किया है।
\item चरित्रचित्रण: इस काव्य में पात्रों का बहुत सुंदर चित्रण किया गया है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं और एक आदर्श समाज की ओर प्रेरित करते हैं।
\item संस्कृति और नैतिकता की रक्षा: काव्य में भारतीय संस्कृति, धरोहर और नैतिकता की रक्षा का संदेश प्रमुख रूप से दिया गया है। यह रचना समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है।
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'आलोकवृत्त' खण्डकाव्य ने साहित्य में गहरी छाप छोड़ी है, जो आज भी भारतीय समाज में प्रासंगिक है।