'आलोकवृत्त' खण्डकाव्य में महात्मा गाँधी का चरित्र अत्यधिक प्रेरणादायक और महान विचारों से भरा हुआ है। उनके व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
सत्य और अहिंसा का पालन: गाँधी जी का जीवन सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित था। उन्होंने अपने जीवन को इन दो आदर्शों से अभिप्रेरित किया और इन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख स्थान दिया। उनके लिए सत्य का मार्ग ही सबसे उचित था।
धैर्य और संघर्ष: गाँधी जी ने हमेशा धैर्य और शांतिपूर्ण संघर्ष को प्राथमिकता दी। उनका विश्वास था कि अहिंसक तरीके से संघर्ष करने से समाज में स्थायी बदलाव लाया जा सकता है।
स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता: महात्मा गाँधी का जीवन स्वावलंबन का प्रतीक था। उन्होंने अपने देशवासियों से खादी पहनने और आत्मनिर्भर बनने की अपील की। उनका यह संदेश आज भी समाज में प्रासंगिक है।
साधारण जीवन, उच्च विचार: महात्मा गाँधी का जीवन सादगी से भरा हुआ था। उन्होंने जीवन में भौतिक सुखों की बजाय आत्मिक सुख को प्राथमिकता दी और हमेशा उच्च विचारों का पालन किया।
समाज सुधारक: गाँधी जी ने समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे छुआछूत, बाल विवाह और अन्य सामाजिक समस्याओं के खिलाफ संघर्ष किया। उनका उद्देश्य समाज में समानता और न्याय स्थापित करना था।
महात्मा गाँधी का व्यक्तित्व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्त्रोत था और उनका आदर्श आज भी समृद्ध समाज की नींव है।