‘आलोक-वृत्त’ खण्डकाव्य में प्रमुख पात्र एक आदर्शवादी व्यक्तित्व का प्रतीक है, जो न्याय, सत्य और कर्तव्य के प्रति अडिग रहता है। वह सामाजिक बुराइयों का विरोध करता है और अपने आदर्शों पर दृढ़ रहता है।
न्यायप्रियता और सत्यनिष्ठा:
इस पात्र में सत्य और न्याय की अद्भुत शक्ति है, जो उसे अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर करती है। वह समाज में व्याप्त अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष करता है।
कर्तव्यपरायणता और नेतृत्व क्षमता:
वह समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझता है और एक आदर्श नेता के रूप में उभरता है, जो दूसरों को भी प्रेरित करता है।
संघर्षशील और धैर्यवान:
विपरीत परिस्थितियों में भी वह अपने मार्ग से विचलित नहीं होता। उसका संघर्ष और धैर्य उसे समाज में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाते हैं।
आत्मबल और दृढ़ निश्चय:
यह पात्र आत्मबल और आत्मसम्मान से भरपूर है, जो कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का साहस रखता है।
यह चरित्र समाज में एक आदर्श स्थापित करता है और प्रेरणा देता है कि सत्य, न्याय और कर्तव्यनिष्ठा के मार्ग पर चलते हुए भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।