'आलोक-वृत्त' खण्डकाव्य में कस्तूरबा गांधी का चरित्र भारतीय नारी की सहनशीलता, त्याग और देशभक्ति का प्रतीक है। वह केवल महात्मा गांधी की पत्नी ही नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण स्तंभ भी थीं।
सहयोग और समर्थन: कस्तूरबा गांधी ने अपने पति महात्मा गांधी के आदर्शों और स्वतंत्रता संग्राम में पूर्ण सहयोग दिया। उन्होंने न केवल गृहस्थ जीवन में संतुलन बनाए रखा, बल्कि स्वतंत्रता आंदोलन में भी सक्रिय भाग लिया।
त्याग और सहनशीलता: उन्होंने अनेक कठिनाइयों का सामना किया, जेल यात्राएँ कीं और हर परिस्थिति में अपने सिद्धांतों पर अडिग रहीं। उनका जीवन त्याग और सहनशीलता का अनुपम उदाहरण है।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान: कस्तूरबा गांधी ने सत्याग्रह और अन्य आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने महिलाओं को संगठित किया और सामाजिक सुधारों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नारी सशक्तिकरण की प्रतीक: वे भारतीय नारी शक्ति की प्रतीक थीं, जिन्होंने पारिवारिक दायित्वों को निभाने के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी योगदान दिया।
कस्तूरबा गांधी का चरित्र भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में त्याग, सेवा और नारी सशक्तिकरण का संदेश देता है। वह केवल एक आदर्श पत्नी ही नहीं, बल्कि संघर्ष और निष्ठा की प्रतिमूर्ति भी थीं।