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मेले में बिताया एक दिन - लगभग 100 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए 
 

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मेला केवल खरीदारी या झूले नहीं होता — यह जीवन के रंग, रिश्तों की मिठास और परंपरा की धड़कन होता है।
Updated On: Jul 23, 2025
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Solution and Explanation

मेले में बिताया एक दिन मेरे जीवन की सबसे रंगीन और अविस्मरणीय स्मृतियों में से एक बन गया। गाँव के पास लगे सालाना मेले की तैयारी कई दिनों से चल रही थी, और अंततः जब वह दिन आया, तो मेरा उत्साह देखने योग्य था।
मेरे माता-पिता, बहन और मैं दोपहर बाद मेला देखने निकले। जैसे ही हम मेले के मैदान में पहुँचे, रंग-बिरंगी झाँकियाँ, गुब्बारों की कतारें, लोक गीतों की मधुर ध्वनि और लोगों की भीड़ ने एक अलग ही संसार रच दिया।
सबसे पहले हम झूलों की ओर बढ़े। मेरी बहन ने 'ब्रेक डांस' में चिल्ला-चिल्लाकर सबको हँसा दिया, जबकि मैंने 'जायंट व्हील' से पूरा गाँव निहार लिया।
खेल-खिलौनों की दुकानों पर बच्चों की भीड़ थी और मिठाइयों की गंध पूरे वातावरण में घुल गई थी। मैंने गर्मागरम जलेबी और भेलपुरी का स्वाद लिया — वह स्वाद आज भी ज़बान पर ताज़ा है।
मंच पर लोक नृत्य और कठपुतली का कार्यक्रम चल रहा था — बच्चों के साथ-साथ बड़े भी मंत्रमुग्ध होकर देख रहे थे।
मेले का सबसे सुंदर क्षण तब आया जब सूर्य ढल रहा था और गुब्बारों की रौशनी आकाश में चमक रही थी — पूरा मेला किसी चित्र-पट की तरह जीवंत लग रहा था।
रात को लौटते हुए मेरे हाथ में रंग-बिरंगी पिचकारी, एक लकड़ी का खिलौना और दिल में ढेर सारी यादें थीं।
वह दिन न केवल मनोरंजन का था, बल्कि पारंपरिक संस्कृति, पारिवारिक मेल और ग्रामीण उल्लास का प्रतीक बन गया।
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