निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों।
महात्मा गाँधी ने पुस्तकों को व्यक्ति का सच्चा मित्र कहा है। पुस्तकों
से अधिक आनंद और कहीं, किसी वस्तु में नहीं है। पुस्तकें ज्ञान का
भंडार होती हैं। पुस्तकों में समाज पर प्रभाव डालने की अद्भुत क्षमता
होती है। पुस्तक में ऐसी शक्ति होती है कि वह सोए देश में जागृति
मंत्र फूँक दे, कमजोर मानव को बल दे, राजनेताओं पर अंकुश रखे।
रूसो की पुस्तक फ्रांस में क्रांति का कारण बनी। लेनिन की पुस्तक रूस
में मार्गदर्शक बनी तो गाँधी के विचार भारत को स्वतंत्र करा गए। इस
प्रकार हम देखते हैं कि पुस्तकें पलभर में बादशाहत को पलटने की क्षमता
रखती हैं। पुस्तकें लेखकों को अमर बना देती हैं। हम आज भी सूर,
तुलसी, वाल्मीकि का नाम बहुत श्रद्धा से लेते हैं। पुस्तकें अकेलेपन
की साथी भी हैं; क्योंकि ये अकेलेपन को भुलाए रहती हैं।