अपितु गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
गद्यांश:
यह सत्य है कि उम्र के अंतिम पड़ाव पर वरिष्ठ नागरिकों की अपनी अनेक शारीरिक व्याधियाँ शुरू हो जाती हैं, परंतु जब उनकी वास्तविक समस्या मानसिक होती है। यह मान लिया जाता है कि अब व्यक्ति शारीरिक और मानसिक श्रम के योग्य नहीं रहा, चाहे वह स्वस्थ ही क्यों न हो। इस स्थिति में व्यक्ति की आर्थिक उपार्जन में कमी आती है, वह सामाजिक रूप से भी अनुपयोगी मान लिया जाता है। वह समाज और परिवार की नज़रों में 'बोझ', 'अनुपयोगी' जैसा महसूस करता है और मानसिक पीड़ा होती है।