Question:

'वर्ण धर्म' के संदर्भ में वर्ण का अर्थ होता है 
 

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सूत्र: वर्ण = रंग (शाब्दिक); वर्ण-व्यवस्था = 4 श्रेणियाँ; जाति/कास्ट = स्थानीय उपसमूह—शब्दों को गड़बड़ न करें।
  • जाति
  • संस्कृति
  • रंग
  • कास्ट
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collegedunia
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

चरण 1: शब्द-व्युत्पत्ति।
संस्कृत में वर्ण का मूल अर्थ रंग है। वैदिक/धार्मिक साहित्य में 'वर्ण' शब्द का प्रयोग बाद में चार सामाजिक श्रेणियों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र) के लिये भी होने लगा—इसी आधार पर वर्ण-धर्म (प्रत्येक वर्ण के कर्तव्य) की चर्चा मिलती है।
चरण 2: अर्थ-भ्रम दूर करें।
'वर्ण' का अर्थ जाति (जाती/कास्ट) नहीं है; जाति (जाती/कास्ट) स्थानीय/वंश-व्यवसाय आधारित सूक्ष्म उपसमूह हैं, जिनकी संख्या हज़ारों में है। वर्ण व्यापक वैचारिक श्रेणी है; उसका शाब्दिक अर्थ रंग ही रहता है, जिसे प्रतीकात्मक रूप से समूह-भेद बताने में लिया गया।
निष्कर्ष: 'वर्ण-धर्म' के सन्दर्भ में 'वर्ण' का मूल अर्थ रंग है; 'जाति/कास्ट' से इसे न मिलाएँ।
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